एक दोस्त को बचाने में दूसरे दोस्त की भी हुई डूब कर मौत
शाहजहांपुर रोड पर चरौली रजबहा में हुए हादसे से कोहराम, शहर के ही थे दोनों युवक,घर वालों का रो-रो कर बुरा हाल
हरदोई। शाहजहांपुर रोड पर चरौली रजबहा में नहाने के लिए उतरे दोस्त को डूबता देख कर उसका दोस्त बचाने के लिए कूद पड़ा। इस हादसे में दोनों की डूबने से मौत हो गई। इस तरह का हादसा शाहजहांपुर रोड पर चरौली रजबहा में होना बताया गया है। इसकी खबर सुनते ही दोनों दोस्तों के घर में कोहराम मच गया। पुलिस जांच कर रही है।
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बताया गया है कि सोमवार की दोपहर बाद कोतवाली शहर के सुभाष नगर (असेंबली अॉफ गॉड स्कूल) निवासी 26 वर्षीय अमन मल्होत्रा पुत्र रूप मल्होत्रा सोमवार को उसी मोहल्ले के अपने 24 वर्षीय दोस्त फरहाज़ खां पुत्र ताहिर अली के साथ शाहजहांपुर रोड पर चरौली रजबहा में नहाने के लिए गया हुआ था।
बताते हैं कि पहले फरहाज़ रजबहा में नहाने के लिए उतरा, लेकिन तभी उसका पैर फिसला और वह पानी में डूबने लगा,उसे डूबता हुआ देख कर उसे बचाने के लिए अमन ने रजबहा में छलांग लगा दी। नतीजतन दोनों दोस्त गहरी पानी में डूब गए और उनकी उसी में मौत हो गई। इसका पता होते ही अमन और फरहाज़ के घर वालों में कोहराम मच गया। सभी रोते-बिलखते हुए चरौली की तरफ दौड़ पड़े। वहां पहुंची पुलिस ने दोनों को बाहर निकाल कर उन्हें मेडिकल कालेज ले गई। पुलिस हादसे की जांच कर रही है।
ललित की आंखों देखी
आखिर अमन मल्होत्रा और फरहाज़ खां कैसे हादसे का शिकार हुए ? इस बारे में ललित सिंह पुत्र धनवीर सिंह निवासी विभूति नगर बिलग्राम चुंगी ने बताया कि रजबहा के किनारे की मिट्टी चिकनी थी। पहले फरहाज़ रजबहा में उतरा और पैर फिसलने से वह पानी में डूबने लगा, उसे डूबता देख कर उसे बचाने के लिए अमन कूद गया, लेकिन जब दोनों डूबने लगे,तो वह भी रजबहा में कूद पड़ा, तमाम कोशिशों के बाद भी वह उन दोनों को नहीं बचा सका।
और दफन हो गई नौकरी की ख्वाहिश
हादसे का शिकार हुआ फरहाज़ अभी कुछ ही दिनों पहले एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गया हुआ था। वहां से लौटने के बाद उसने अपने दोस्तों से कहा था कि सब कुछ ठीक-ठाक रहा, उम्मीद है कि नौकरी मिल जाएगी, लेकिन किसी को पता था कि नौकरी की ख्वाहिश पाले फरहाज़ की ख्वाहिश उसी के साथ दफन हो जाएगी।
बुझ गया उम्मीदों का चिराग़
सुभाष नगर के रहने वाले रूप मल्होत्रा का अमन इकलौता बेटा था। ग्रेजुएट करने के बाद वह नौकरी की तलाश कर रहा था। पढ़ाई-लिखाई में अव्वल रहने वाला अमन अपने घर वालों का गुरूर था। सभी को भरोसा था कि एक न एक दिन उसे नौकरी ज़रूर मिलेगी, लेकिन सोमवार को हुए हादसे ने उसके घर वालों को ऐसा ज़ख्म दिया जो ज़िंदगी भर नही भर पाएगा।
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