Train accident Odisha : उड़ीसा के बालासोर में तीन ट्रेनें टकराई ढाई सौ की मौत 1000 से अधिक घायल

दो सुपर फ़ास्ट एक्सप्रेस ट्रेन आपस में टकराने के बाद मालगाड़ी से भिड़ी, मची चीख पुकार

Train accident Odisha : ओडिशा के बालासोर में एक के बाद एक तीन ट्रेनों की आपस में हुई टक्कर में अब तक 250 लोगों की जान गई है जबकि 1000 से अधिक लोग घायल हैं। राहत और बचाव कार्य निरंतर जारी है ऐसे में मृतक और घायलों की संख्या बढ़ सकती है। रेलवे सुरक्षा बल के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान बचाव कार्य में लगे हुए हैं। चीख-पुकार मची हुई है। लोग रोते बिलखते हुए अपनों को तलाश रहे हैं। हादसे का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। लेकिन ओडिशा का यह ट्रेन एक्सीडेंट भारत के बड़े ट्रेन एक्सीडेंट में शुमार हो चुका है। ओडिशा के इस ट्रेन हादसे के बाद पूरे भारत के लोग दहशत में हैं। ट्रेन हादसे का पता लगाने के लिए जांच कमेटी भी गठित की गई है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से मुख्यमंत्री व आमजन शोक संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। इस ट्रेन हादसे के बाद पूरे देश में हाहाकार की स्थिति है।

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उड़ीसा के बालासोर मे ट्रेन का भीषणतम हादसा शुक्रवार रात को हुआ। हादसा होते ही चीख-पुकार मच गई। लोग अंधेरे में अपनों को तलाश रहे थे। घटना की भयावहता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि ट्रेन हादसे के बाद चीख-पुकार के बीच अंधेरे में ही लोग अपनों को तलाश रहे थे, हालात यह थी कि जो किसी का पैर पकड़ता है वह पैर हाथ में आ जाता, कहीं पंजे पड़े थे, तो कहीं सिर अलग था और धण अलग था। हादसे की सूचना जब अधिकारियों को मिली तो सभी अवाक रह गए। अब तक इस हादसे में ढाई सौ लोगों के मौत की अधिकारिक सूचना है जबकि 1000 से अधिक लोगों के घायल होने का पता चल रहा है। रेलवे सुरक्षा बल के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान राहत और बचाव कार्य में लगे हुए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शनिवार सुबह भी बोगियों में फंसे घायलों को निकालने का सिलसिला जारी रहा।

ओडिशा में राजकीय शोक घोषित
उड़ीसा में भीषण ट्रेन हादसे के बाद ओडिशा सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा कर दी है, उधर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। वहीं ट्रेन हादसे की सूचना मिलने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं वह ओडिशा में घटनास्थल का दौरा करने के लिए रवाना हो रही हैं।

तो ऐसे हुआ हादसा और मची चीख पुकार
शुक्रवार देर शाम को अपने निर्धारित समय के अनुसार बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस हावड़ा की ओर जा रही थी। इसी दौरान बेंगलुरु -हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन के कुछ डिब्बे पटरी से उतर कर बगल के ट्रैक पर पलट गए। जिस ट्रैक पर डिब्बे पलटे उस ट्रैक पर शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस चेन्नई की ओर जा रही थी। शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन ट्रैक पर पलटे बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गई। जिसके चलते कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे भी पटरी से उतर गए और तीसरे ट्रैक में एक मालगाड़ी के डिब्बों से टकरा गए। इसके बाद एक के बाद एक बोगियां पटरी से उतरती चली गई और चीख-पुकार शुरू हो गई। गौरतलब हो कि यह हादसा बालासोर जिले के बहंगा बाजार रेलवे स्टेशन पर हुआ, जो कि कोलकाता से दक्षिण में 250 किलोमीटर और भुवनेश्वर से उत्तर में 170 किलोमीटर पर स्थित है।

भारत मे अब तक हुए भीषण ट्रेन हादसे एक नजर में
06 जून 1981: बिहार मे भीषण ट्रेन दुर्घटना ब्रिज को पार करते हुए ट्रेन बागमती नदी में जा गिरी थी, इस हादसे में 750 लोगों की मौत हो गई थी।

20 अगस्त 1995: फिरोजाबाद के पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस खड़ी हुई कालिंदी एक्सप्रेस से टकराई, 305 की मौत।

26 नवंबर 1998: पंजाब के खन्ना में जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतरे फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल की तीन डिब्बों से टकराई, 212 लोगों की मौत हुई थी।

02 अगस्त 1999: ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार मंडल के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकराई, 285 की मौत हुई और 300 घायल हुए थे।

20 नवंबर 2016: पुखरायन में इंदौर राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतरने से 152 लोगों की मौत हुई और 260 यात्री घायल हुए थे।

09 नवंबर 2002: रफिगंज के धावे नदी के ऊपर बने ब्रीज में हावड़ा-राजधानी एक्सप्रेस पलट गई और 140 यात्रियों की मौत हुई थी।

23 दिसंबर 1964: रामेश्वरम में चक्रवात में पंबन धनुषकोडी पैसेंजर ट्रेन के बह जाने की वजह से 126 यात्री मारे गए थे।

28 मई 2010: मुंबई जा रही ट्रेन झारग्राम के पास पटरी से उतर कर सामने से आ रही मालगाड़ी से टकरा गई थी इस हादसे में 148 यात्रियों की मौत हुई थी।
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