भारत पाक बंटवारे की त्रासदी झेल चुके विस्थापितों ने बांटे दर्द, डीएम व नगर पालिका चेयरमैन ने किया सम्मानित

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर प्रभावित परिवारों ने कहा दुश्मन को भी ना देखना पड़े वह दिन, दो मिनट का मौन रखकर बलिदान देने वालों को दी श्रद्धांजलि

बहराइच। भारत-पाक बंटवारे की बात सोचते ही जहन में तरह-तरह के चित्र घूमने लगते हैं। इन चित्रों को ताजा किया सोमवार को विभाजन विभीषिका की त्रासदी झेल रहे परिवारों ने। विभाजन विभीषिका की याद में युवा पीढ़ी को त्रासदी के बारे में जागरूक करने के लिए सोमवार को केंद्र सरकार के आवाहन पर मनाए जा रहे “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” पर सोमवार को नगर पालिका सभागार में आयोजित कार्यक्रम में विभाजन बीबीसी का प्रभावित परिवारों के चेहरे पर उन दिनों के भाव तैरते नजर आए जब उनके बाबा और दादा ने भारत और पाकिस्तान के विभाजन होने पर पाकिस्तान में पड़ने वाले इलाके में अपनी बसी बसाई गृहस्ती भारत में बसने के नाम कर दी। वह दर्द आज भी सभी प्रभावित परिवारों के चेहरों पर स्पष्ट झलक रहा है, जिलाधिकारी मोनिका रानी व नगर पालिका चेयरमैन सुधा देवी ने जिले के विभाजन विस्थापितों को सम्मानित किया।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि “इन दिनों हम आजादी के अमृत महोत्सव की खुशियां मना रहे हैं। लेकिन उजाले से पहले विभाजन विभीषिका के रूप मे जो अंधेरी रात थी उसे याद करना बहुत जरूरी है। किस तरह अचानक लोगों को अपने बसे बसाये आशियाने छोड़ने पड़े थे। इससे बड़ा दुख कुछ भी नहीं हो सकता।”

नगर पालिका चेयरमैन सुधा देवी टेकड़ीवाल ने कहा कि “देश के विभाजन के घाव व अपनो को खोने का दुख शब्दों में बयान करना मुश्किल है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को स्मृति दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इससे एकता, सामाजिक सद्भाव एवं मानवीय संवेदनाएं मजबूत होंगी।”
डीएम, नगर पालिका चेयरमैन कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर त्रासदी में बलिदान होने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी।

नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर बोलीं विभाजन विभीषिका प्रभावित परिवार संघर्षों का सामना करते हुए आज देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।”

व्यापार मंडल अध्यक्ष कुलभूषण अरोरा ने कहा कि विभाजन की विभीषिका ने हमारे पूर्वजों को जन्म भूमि, जमीन-जायदाद, घर-बार सब होम करने पर मजबूर किया।”

विभाजन विस्थापित संघ के संयोजक मनीष मल्होत्रा ने कहा कि “बंटवारे की याद हिंदुस्तान के सीने को छलनी करती है। जिन्होंने इस दर्द को सहा उनको आजादी के बाद जल्द ही भुला दिया गया। विभाजन के समय जो लोग अमानवीय हालात से गुजरे, जिन्होंने अत्याचार सहे और जिन्हें अंतिम संस्कार तक नसीब नहीं हुआ, उन सबका हमारी स्मृतियों में जीवित रहना जरूरी है।” मल्होत्रा ने कहा कि “त्रासदी के शिकार पूर्वजों को याद करने के लिए आज विस्थापित परिवारों के लोग पीएम नरेंद्र मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा करते नहीं थक रहे।”

स्मृति दिवस कार्यक्रम में डीएम मोनिका रानी व नगर पालिका चेयरमैन सुधा देवी ने विस्थापित परिवारों की श्रीमती सीता भल्ला, वेद प्रकाश अरोरा, योगेश अरोरा, राधा देवी, जसवीर कौर भाटिया, कन्हैया लाल रूपानी, धर्मवीर सिंह व हरवीर कौर को दुशाला ओढ़ाकर व पुष्प देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम को ईओ नगर पालिका प्रमिता सिंह, पर्यटन अधिकारी मनीष श्रीवास्तव ने संबोधित किया। संचालन संतोष सिंह ने किया।

कार्यक्रम में सुशील भल्ला, राजेश मंसानी, इन्द्रजीत भाटिया, हर्षदीप मल्होत्रा, गौतम मल्होत्रा, नवनीत अग्रवाल, बृजमोहन मातनहेलिया, दीपक सोनी दाऊजी, सुमित खन्ना, डाक्टर गर्वित मल्होत्रा, मनीषा खन्ना, डाक्टर संगीता मेहता, कपिल अरोरा आदि लोग मौजूद रहे।
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