UP में डी. फार्मा के 427 कॉलेजों की एनओसी निरस्त, छात्रों के भविष्य पर तलवार

कॉलेज संचालकों ने गलत शपथ पत्र दे कर शासन को किया गुमराह, कई कॉलेजों ने इंटर कॉलेज की जमीन पर ले ली थी डी फार्मा संचालन की मान्यता

अनिल बाजपेयी (ग्रुप एडिटर-Tv9 भारत समाचार)
अनिल बाजपेयी
(ग्रुप एडिटर-Tv9 भारत समाचार)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में डी फार्मा के 427 कॉलेजों को कोर्स संचालन के लिए शासन की ओर से प्रदान की गई नो-आब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) निरस्त कर दी गई है। शासन के इस कदम से सभी 427 कॉलेजों से अब तक डी फार्मा का कोर्स करने वाले छात्रों के भविष्य पर तलवार लटक रही है। वही गलत एफिडेविट देकर डी फार्मा कोर्स संचालन की अनुमति लेने वाले कॉलेज संचालकों की समिति पर भी शासन कार्यवाही करने में जुट गया है। जिन 427 कॉलेजों की एनओसी निरस्त हुई है उनमें बहराइच के भी 08 कॉलेज शामिल हैं।

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डी फार्मा, बी फार्मा या अन्य टेक्निकल कक्षाओं के संचालन के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग की ओर से कॉलेज संचालकों द्वारा प्रदान किए गए शपथ पत्र पर नो-आब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) प्रदान की जाती है। एनओसी का मतलब यह होता है कि कॉलेज कोर्स संचालन के लिए उपयुक्त है कोर्स का संचालन किया जा सकता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के बहराइच, लखनऊ, बागपत, एटा, फिरोजाबाद, हाथरस, सोनभद्र, बुलंदशहर, इटावा समेत विभिन्न जिलों के 427 कॉलेज संचालकों ने डी फार्मा कोर्स संचालन के लिए जो शपथ पत्र शासन में लगाया वह फर्जी था। इसकी पुष्टि हाल ही में शासन की ओर से कराई गई विशेष जांच में हुई है।
शासन की ओर से हुई विशेष जांच में मामला सामने आया है कि कई कालेजों ने इंटर कॉलेज की जमीन और लैब दिखा कर डी फार्मा की मान्यता ले ली वहीं कई कालेजों ने जमीन किसी और का भवन किसी और का दिखाकर मान्यता ली है। इसका खुलासा होने के बाद हड़कंप मचा है।
एनओसी निरस्त होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन कॉलेजों से अब तक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के भविष्य का क्या होगा। पुणे कॉलेज की ओर से मिली डिग्री या डिप्लोमा मान्य होंगे या नहीं। हालांकि इसका जवाब अभी तक शासन की ओर से भी नहीं प्रदान किया गया है। जिससे उहापोह की स्थिति बनी हुई है वहीं कालेज संचालक कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। वही 427 कॉलेजों को दिए गए एनओसी प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले पूर्व सचिव पर कारवाई की तैयारी शासन ने शुरू कर दी है।

बहराइच के इन कॉलेजों की एनओसी हुई निरस्त

1. आचार्य रमेश चन्द्र कॉलेज ऑफ फार्मेसी, रूपईडीहा, नानपारा, बहराइच।
2. अनुपमा कॉलेज ऑफ फार्मेसी, शांतिनगर, कलवारी, पो0- बाबागंज, नानपारा,
बहराइच।
3. महाराजा बलभद्र सिंह रैकवार, महाविद्यालय (कॉलेज ऑफ फार्मेसी),
बनकटा, पयागपुर, जनपद- बहराइच।
4. सीमावर्ती कॉलेज ऑफ फार्मेसी, ग्रा०-जैतापुर, पो0-रूपईडीहा, तह०-
नानपारा, बहराइच।
5. पंडित अशोक कुमार मिश्रा इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस, अशोक नगर खुटेहना, तहसील- पयागपुर, जिला-बहराइच
6. अमीरहसन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, नानपारा, बहराइच
7. एसडीएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी सुभाषनगर, चाकूजोत बहराइच
8. कमलादेवी कालेज आफ फार्मेसी, सुन्दरनगर, सिसई हैदर, बहराइच

यहां देखिए सभी 427 कॉलेजों की सूची जिनकी निरस्त हुई है NOC👇

जानिए क्या है डी फार्मा डिप्लोमा

डी फार्मेसी का फुल फॉर्म डिप्लोमा इन फार्मेसी है। इस डिप्लोमा प्रोग्राम का उद्देश्य फार्मेसी के क्षेत्र का मूलभूत ज्ञान प्रदान करना है। इस कोर्स की अवधि 1-2 साल के बीच होती है। डी. फार्मा के अंतर्गत छात्रों को विभिन्न फार्मास्युटिकल दवाओं के निर्माण की बुनियादी प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।
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