जानिए किस गांव के ग्रामीण MP-MLA चुन सकते हैं लेकिन ग्राम प्रधान चुनने का अधिकार नहीं
आजादी के बाद से अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे वनटंगिया ग्रामीण
बहराइच। कतर्नियाघाट जंगल से सटे वनटंगिया ग्राम महबूबनगर के ग्रामीण MP- MLA तो चुन सकते हैं लेकिन प्रधान चुनने का अधिकार उन्हें नहीं है। राजेश ग्राम ना होने के चलते गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। बिजली सड़क नाली खड़ंजा और पेयजल की समस्या के लिए सभी आजादी के बाद से संघर्ष कर रहे हैं। कई बार आश्वासन मिला लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। परेशान ग्रामीणों ने इस मामले में जिलाधिकारी मोनिका रानी से मुलाकात की।जिलाधिकारी ने गांव को राजस्व ग्राम घोषित करवाने का आश्वासन दिया है।
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जिले के पश्चिमी छोर पर स्थित कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र मोतीपुर तहसील में स्थित है। इसी तहसील क्षेत्र में वर्ष 1922 में वानिकी योजना के तहत बसाया गया वनटांगिया ग्राम महबूबनगर है। लेकिन इस गांव के लोग जंगल के बीच गांव के बसे होने से मूलभूत सुविधाओं से वंचित है परेशान गांव के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी मोनिका रानी से मुलाकात करके उन्हें गांव के बसने से लेकर आज तक की स्थिति से अवगत कराया।
वन टांगिया ग्राम के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से यह भी कहा कि गांव वन विभाग द्वारा बसाया गया था। देश आजाद हो जाने के बाद भी अभी तक उनका गांव राजस्व ग्राम में परिवर्तित नहीं हो सका है। इस नाते सुविधाओं और योजनाओं को गांव में लागू नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
अभी तक इस ग्राम में लोगों को परिवार रजिस्टर की नकल भी जारी नहीं हो पाती है, और न ही उन्हें पंचायत चुनाव में वोट देने के लिए अधिकृत किया गया है। गांव वालों ने कहा कि वह लोग MP-MLA को चुन सकते हैं लेकिन प्रधान नहीं। केवल लोकसभा और विधानसभा में ही मतदान कर सकते हैं।
अभी हाल ही में पेयजल मिशन द्वारा लगाए जाने वाले पाइप लाइन को वनटांगिया महबूबनगर में इसलिए नहीं लगाया गया क्योंकि उनका गांव राजस्व ग्राम नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि परिवार रजिस्टर की नकल न होने से वह लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित है।
वर्षों से परिवार रजिस्टर की मांग शासन से की जा रही है जिला स्तर से राज्य मुख्यालय तक पैरवी हो रही है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। परिवार रजिस्टर परिवार के बच्चों को पढ़ाई में और सरकारी नौकरियों में भी सुविधा नहीं मिल पा रही।
वन अधिकारों के लिए पिछले 18 वर्ष से संघर्षरत सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने बताया कि वर्ष 2019 में वनग्राम महबूबनगर को राजस्व ग्राम किए जाने का प्रस्ताव जिला स्तर से शासन को भेजा जा चुका है किंतु जिला स्तर से लचर पैरवी के कारण अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। देश की आजादी के 75 अमृत काल में यदि वनटांगिया ग्रामों के लोगों को आजाद नागरिक की हैसियत में नहीं लाया जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
फिलहाल वन निवासियों से मुलाकात के बाद जिलाधिकारी मोनिका रानी ने आश्वासन दिया है कि शीघ्र ही वनटांगिया ग्राम को राजस्व ग्राम का दर्जा दिलाया जाएगा।इस अवसर पर रामनिवास, रामचंद्र, अमिरका प्रसाद, गणेश गिरी सहित सैकड़ों महिला-पुरुष मौजूद रहे।
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