…अरे बहराइच और गोंडा में आ गई बाढ़, लाल निशान से 55सेमी ऊपर बह रही घाघरा, 48 गांव पानी से घिरे

घाघरा व सरयू नदियों के जलस्तर में निरंतर हो रहा इजाफा, गोंडा और बहराइच में घाघरा तथा सरयू नदी के तटवर्ती इलाकों में 48 गांव बाढ़ से घिरने से खलबली, जरूरी सामानों व पशुओं समेत बंधे पर ग्रामीणों ने लिया शरण

गोण्डा, बहराइच। उत्तराखंड नेपाल के पहाड़ों पर हो रहे निरंतर वर्षा के चलते बहराइच और गोंडा में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। घाघरा नदी खतरे के निशान से 55 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है वही सरयू नदी भी उफान पर है। इसके चलते बहराइच और गोंडा के 48 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। हड़कंप मचा हुआ है। तटवर्ती इलाकों में बसे गांव में आने-जाने के लिए रास्तों पर पानी भर गया है। राहत और बचाव कार्य नदारद है। बाढ़ से परेशान ग्रामीणों ने जरूरी सामानों व पशुओं समेत बंधे पर शरण लिया है।

यह भी पढ़ें : दूध बेचने गए ग्रामीण की धारदार हथियार से हत्या

आपको बताते चलें कि “TV9 भारत समाचार” ने बढ़ाने की संभावना से कल ही अलर्ट किया था। और अंततः गोंडा और बहराइच 24 घंटे के अंदर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। उत्तराखंड व नेपाल की पहाड़ियों पर भारी बारिश से घाघरा नदी तेवर में है और ख़तरे के निशान से 55 सेमी ऊपर बह रही है। वही सरयू नदी भी उफान पर हैं। इन दोनों नदियों के जलस्तर में तेजी से इजाफा हो रहा है। इससे जिले के माझा क्षेत्रों के दर्जनो गांव बाढ़ से घिर गए हैं और खलबली मची है । बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग बंधे पर शरण लेने को मजबूर हैं। बाढ़ खंड के एक्सईएन वीएन शुक्ला का कहना है कि सभी अभियंताओं को एलर्ट रहने के साथ बाढ़ सुरक्षा कार्यो को कराने के निर्देश दिए गए हैं। नदी के हालात पर पल -पल नजर रखी जा रही है।

गोंडा जिले के करनैलगंज तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी से सटे 52.400 किमी लम्बे एल्गिन -चरसड़ी बंधे के निकट नकहरा, प्रतापपुर व रायपुर माझा के दर्जन भर मजरो में रिसाव से बाढ़ जैसे हालात बने हैं। इस बंधे से करीब डेढ़ सौ गांवो व 20 हजार हेक्टेयर भूमि व फसलों को सुरक्षा के दावे हैं। वहीं सरयू नदी से सटे 22.200 किमी लम्बे भिखारीपुर -सकरौर बंधे के आधे दर्जन जगहों पर स्थिति संवेदनशील है। केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक घाघरा नदी अपने ख़तरे के निशान 106.07 मीटर से 55 सेमी ऊपर बह रही है। वहीं जल आयोग के नया घाट अयोध्या कार्यलय के अनुसार शाम छह बजे सरयू नदी डेंजर लाइन 92.730 मीटर से 15 सेमी ऊपर बह रही है। हालांकि दोनों नदियों के जलस्तर में तेजी से इजाफा हो रहा है। नदियों का कुल डिस्चार्ज 4,21337 क्यूसेक है।

दर्जनो गांवों के लोगो को बाढ़ से मुश्किलें

बाढ़ग्रस्त गोंडा जिले के दत्तनगर साकीपुर के करीब एक दर्जन मजरो में बाढ़ का पानी घुस गया है। कई गांवो के संपर्क मार्ग पानीं में डूब जाने से आवागमन प्रभावित है। रोज मर्रा की जरुरतों को पूरा करने के लिए कडी मशक्कत करनी पड रही हैं। तहसीलदार तरबगंज पुष्कर मिश्रा ने बताया कि दत्तनगर की दो और साकीपुर की एक बाढ़ चौकी सक्रिय है । लोगों की समस्याओं का हर संभव मदद किया जाएगा।बाढ़ग्रस्त गांव दत्तनगर के करीब 22 मजरे व साकीपुर के 7 मजरो में लोगों को मुश्किलें उठानी पड़ रही है।

दत्तनगर से ढेमवाघाट मार्ग का रास्ता बाढ के चलते पहले ही प्रशासन ने बंद करा दिया है। दत्तनगर गांव के ढेमवाघाट वाणीमाझा अट्ठाइसा सहित 11 मजरे के संपर्क मार्गों पर जलभराव हो चुका है।गांव के सभी 22मजरे में पालतू पशुओं के लिए हरे चारे तो अभी है पर लोग जल-प्रवाह को देखकर खेतों से घास काटकर व्यवस्था करने मे लगे हैं । जल्द बड़ा संकट शुरू हो जाएगा इन गांवो के आलावा जैतपुर माझा तुलसीपुर माझा चौखडिया रघुनाथपुर विश्वनोहरपुर महंगूपुर नकहरा इंदरपुर महेश पुर दुर्गागंज माझाराठ सहित सभी संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों में नजर रखने का निर्देश दिए गए है।

बाढ से बहराइच में भी जनजीवन अस्त ब्यस्त

बहराइच : पहाड़ों पर हो रही बारिश से उफनाई घाघरा और सरयू नदी के तटीय इलाके के कई गांवों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। बाढ़ के चलते संपर्क मार्ग पर पानी चल रहा है। तटीय इलाके के लोग भयभीत। बैराजों से पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है। जिससे
शिवपुर ब्लाक क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुऐ है। अचानक मंगलवार की देर रात बैराजो से पानी छोडे जाने के कारण सरयू का जल स्तर एकाएक बढ जाने के कारण तटवर्टीय इलाकों मे बाढ की स्थिति उत्पन्न हो गयी गयी है। जिसके कारण लोगो का आवागमन बाधित हो गया है।

बहराइच के शिवपुर ब्लाक क्षेत्र में उफनाई सरयू नदी तटवर्टी इलाके के नेवादा, तिगडा, बल्दूपुरवा, ढकिया, नरोत्तमपुर, चकैया आंशिक, बकैना, चौकसाहार,मांझा दरिया पाठक पुरवा, सहित दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिर गये हैं। साथ ही साथ बाढ के कारण गयी गांवों का संपर्क मार्ग कट गया है। प्रशासन ने पहले से ही बाढ से निपटने की तैयारी कर रखी थी ।जिसके कारण, महसी तहसील के बेहडा, चकैया, बकैना, पिपरी मोहन, प्रावि महसी सहित दर्जनो बाढ चौकी बनी हुई हैं। जो बाढ प्रभावित क्षेत्र के लोगों पर नजर बनाये रखें है।
यह भी पढ़ें : दूध बेचने गए ग्रामीण की धारदार हथियार से हत्या