रविवार को 10 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ा गंगा का जलस्तर

हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट के रैंप पानी में डूबने से शवदाह के लिए लोगो को घंटो करना पड़ रहा इंतजार, तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगो की बढ़ी चिंता

वाराणसी। काशी में गंगा का जलस्तर 10 सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। जो शनिवार को गंगा के जलस्तर का बढ़ाव तीन से पांच सेमी. प्रतिघंटा था वो रविवार को 10 सेंटीमीटर प्रति घंटा हो गया। घाटों का संपर्क पहले ही टूट चुका है। हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट के रैंप पर पानी चढ़ने के कारण शवदाह के लिए आने वाले लोगों को काफी इंतजार करना पड़ रहा है।

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रविवार को प्रदेश में जगह-जगह वर्षा होने के कारण सुबह से वाराणसी में गंगानदी के जलस्तर में निरंतर इजाफा हो रहा है। गंगा का जलस्तर सुबह 10 सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ा जबकि यह जलस्तर शनिवार को लगभग पांच सेमी. प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा था। अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही गंगा का जलस्तर खतरे के निशान (70 मीटर) को छू सकता है।

इधर गंगा में उफान के कारण तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगो की चिंता बढ़ गई है। जलस्तर की रफ्तार देख एनडीआरएफ टीम के साथ ही पुलिस-प्रशासन भी चौकस है। घाटों का संपर्क पहले ही टूट चुका है। हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट के रैंप पर पानी चढ़ने के कारण शवदाह के लिए आने वाले लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। जलस्तर बढ़ने के कारण गंगा में शनिवार दोपहर से नौका संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया।

केंद्रीय जल आयोग की बाढ़ बुलेटिन के अनुसार रविवार सुबह गंगा का जलस्तर 66.72 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर में 10 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव का सिलसिला बना रहा। गंगा नदी के जिस तरह से उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है इससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग सहमें हुए है, नदी के किनारे बसे गांव के लोगों का कहना है कि गंगा नदी के जलस्तर में पहले इतनी तेजी से कभी उतार चढ़ाव देखने को नहीं मिला।

वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर है तो खतरा बिंदु 71.262 मीटर पर है। पहाड़ों पर लगातार हो रही बरसात के बीच गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से मैदानी इलाकों में चिंता बढ़ने लगी है। प्रयागराज सहित गंगा से लगे जिलों में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसकी वजह से माना जा रहा है कि लगातार बढ़ता जलस्तर आगे भी इसी तरह जारी रहा तो बाढ़ कभी भी दस्तक दे सकती है। गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के चलते तटवर्ती इलाकों में रह रहे लोग बाढ़ के दौरान पलायन की संभावना से दहशत में हैं।
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