ज़मीन की कुर्की करनें पहुंची तहसील टीम के सामने किसान के बेटे ने पिया जहर, गंभीर

जिंदगी और मौत के बीच सीएचसी पुवायां में जूझ रहा है किसान का बेटा मनीष, तहसीलदार पर अभद्रता करने का आरोप

शाहजहांपुर। जनपद की पुवायां तहसील के नायब तहसीलदार किसान की जमीन कुर्क करने जैसे ही उसके खेत पर पहुंचे वैसे ही नायब तहसीलदार के सामने किसान के बेटे ने कीटनाशक पी लिया। इससे तहसील की राजस्व टीम में अफरा-तफरी मच गई आनन-फानन में किसान के बेटे को अस्पताल पहुंचाकर भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। वही तहसीलदार पर किसान के परिवार के साथ अभद्रता करने का भी आरोप लगा है।

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पुवायां तहसील क्षेत्र के गांव भैंसटा में कर्ज न चुकाने पर किसान की जमीन कुर्क करने पहुंचे नायब तहसीलदार के सामने किसान के बेटे ने कीटनाशक पी लिया। यह देख मौके पर मौजूद अधिकारियों में अफरा तफरी का माहौल बन गया, आनन फानन में पुलिस और राजस्वकर्मियों ने मनीष से बोतल छीनकर फेंक दी और उसे तत्काल पुवायां सीएचसी पर भर्ती कराया। जहां उसका इलाज़ चल रहा है। हालत गंभीर बनी हुई हैं। डॉक्टरों का कहना है, कि किसान पुत्र ने कीटनाशक की पूरी बोतल पी ली है, जिससे इसकी हालत कभी भी ख़राब हो सकती है।

आपको बता दें कि पुवायां के गांव भैंसटा निवासी ईश्वरदयाल ने पीलीभीत की बैंक ऑफ इंडिया से लगभग बीस लाख रुपये का कर्ज ले रखा है। कर्ज की राशि जमा न करने पर बैंक ने आरसी जारी कराई थी। आरसी जारी होने के बाद भी रुपये जमा न होने पर शनिवार को पुवायां से नायब तहसीलदार आशीष सिंह की अगुवाई में राजस्व टीम गांव किसान के खेत की कुर्की के लिए पहुंची।

राजस्व टीम के कुर्की के लिए आने की जानकारी पाकर ईश्वरदयाल और उनके परिजन राजस्व टीम के पास पहुंचे और कर्ज जमा करने को समय देने की मांग की, ईश्वर दयाल के पास चार एकड़ खेती है। उन्होंने पांच वर्ष पूर्व किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से खेती में लागत के लिए पांच लाख रुपये का कर्ज लिया था। खेती में घाटा हो गया, इस कारण कर्ज की राशि जमा नहीं हो सकी। रुपये जमा नहीं हुए तो ब्याज जुड़ कर कर्ज की राशि बढ़ती चली गई।

मनीष ने भी ले रखा था मुद्रा लोन

इस बीच मनीष ने खेती में घाटा देख मुद्रा लोन योजना के तहत पांच लाख रुपये का कर्ज लेकर कोल्हू लगाया था। कुछ दिन चलने के बाद कोल्हू भी घाटे के कारण बंद कर देना पड़ा। मनीष भी कर्ज की राशि जमा नहीं कर सके। पिता पुत्र ने लगभग दस लाख रुपये का कर्ज लिया था, जो अब ब्याज सहित लगभग 20 लाख रुपये हो गया है। कर्ज की राशि चुकता नहीं होने पर बैंक ने आरसी जारी कर दी थी। मनीष ने बताया कि तीन अगस्त को राजस्व टीम उनको और पिता को पकड़कर तहसील ले गई थी। परिजनों ने तहसील आकर अधिकारियों से बात की थी और एक सप्ताह में कर्ज अदा करने की बात भी तय हुई थी। इसके बाद वह बैंक मैनेजर से मिले थे और कर्ज के सेटलमेंट की बात हो गई थी। इसके बाद भी नायब तहसीलदार तीसरे दिन फिर से जमीन कुर्क करने पहुंच गये।

किसान के परिवार के साथ तहसीलदार ने की अभद्रता

मनीष ने बताया कि कर्ज के कारण उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। बैंक और प्रशासन को उनकी हालत देखते हुए और समय देना चाहिए था, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा भी कि कुछ समय दिया जाए, वह कर्ज की राशि को थोड़ा-थोड़ा कर जमा करेंगे, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। नायब तहसीलदार ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया। अपमान और जमीन को कुर्क होता देख बर्दाश्त नहीं कर सका और मैंने मजबूरन कीटनाशक पी लिया। अगर जमीन कुर्क की गई तो मैं जान दे दूंगा। जिसके बाद मनीष ने कीटनाश पी लिया जिससे अब वह जिंदगी और मौत के बीच में जूझ रहा है।

भाकियू ने दी आंदोलन की चेतावनी

पुवायां में किसान के कीटनाशक पीने की जानकारी पाकर भाकियू टिकैत गुट के तहसील अध्यक्ष अनिल सिंह यादव, रजनीश पाल, रीता देवी, प्रदीप कुमार, भूरेलाल, राजेश वर्मा सहित कई किसान नेता मौके पर पहुंचे और तहसील प्रशासन की कार्रवाई पर रोष जताया। अनिल सिंह यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश हैं कि बकाया में किसी किसान की बिजली नहीं कटेगी। वसूली भी किसान से समय अनुसार की जाएगी। इस समय किसान कर्ज लेकर फसल तैयार कर रहा है, और तहसील प्रशासन जबरिया वसूली कर रहा है। इससे परेशान होकर किसान ने आत्मघाती कदम उठाया है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और तहसील प्रशासन के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। जिलाध्यक्ष मंजीत सिंह ने फोन पर बताया कि उन्हें जानकारी मिल गई है। प्रशासन की तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आंदोलन किया जायेगा।
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