हिन्दी के अद्वितीय साहित्यकार हैं डॉ.आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप : प्रोफेसर रामहित त्रिपाठी

कवि डॉ.आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप के जन्मदिन पर सम्मानित हुए सात साहित्यकार

सुलतानपुर। अठहत्तर साल की उम्र में एक सौ छप्पन से अधिक कृतियों की रचना करने वाला साहित्यकार आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप के अलावा हिंदी में दूसरा नहीं है। इसलिए आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप हिन्दी साहित्य के अद्वितीय साहित्यकार हैं। यह बात गौर स्नातकोत्तर महाविद्यालय बस्ती के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर रामहित त्रिपाठी ने कही। वह कादीपुर तहसील के रणवीर राजकुमार इंटर कालेज बरवारीपुर में साहित्य कला संस्कृति सम्वर्द्धन न्यास द्वारा लोकभूषण डॉ.आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप के उन्यासीवें जन्मदिन पर आयोजित संगोष्ठी व सम्मान समारोह को बतौर अध्यक्ष सम्बोधित कर रहे थे।

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समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ भाजपा नेता व राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ.एमपी सिंह ने कहा कि डॉ.आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप लोक जीवन के चितेरे साहित्यकार हैं। लोक साहित्य को संजोकर उन्होंने ऐतिहासिक काम किया है।

इस अवसर पर हिंदी साहित्य के विकास में लोक साहित्य की भूमिका विषयक संगोष्ठी में बोलते हुए विशिष्ट अतिथि कथा समवेत के सम्पादक डॉ. शोभनाथ शुक्ल ने कहा कि लोकसाहित्य जनजागरण का काम करता है।सामाजिक चेतना व राष्ट्रीय चेतना लोक साहित्य में सहज ही आ जाती है। लोकभाषा को सरल और सहज बनाकर पाठकों के सामने प्रस्तुत करना कवि प्रदीप की विशेषता है।

अभिदेशक के सम्पादक व पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ.ओंकारनाथ द्विवेदी ने कहा कि साहित्य की सूखी जड़ों को लोकसाहित्य ही अभिसिंचित करता है। लोक को जाने बिना साहित्य की सही समझ नहीं बन सकती ।
समीक्षक सुरेश चन्द्र शर्मा ने आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप के व्यक्तित्व व कृतित्व पर व्यापक चर्चा की । संकठा प्रसाद सिंह देव ने कवि प्रदीप से जुड़े संस्मरण सुनाए।

समारोह का संचालन आशुकवि मथुरा प्रसाद सिंह जटायु ने किया। सरस्वती वंदना ब्रजेश कुमार पाण्डेय ‘इन्दु’, स्वागत कार्यक्रम संयोजक डॉ. सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु व आभार ज्ञापन न्यास के सचिव पवन कुमार सिंह ने किया। यहां बाल साहित्य की चर्चित पत्रिका ‘बच्चों की बगिया’ के आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप विशेषांक का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर डॉ.अमरनाथ सिंह , विजय शंकर मिश्र भास्कर, राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय गड़बड़, श्रीनारायण लाल श्रीश, डॉ.करुणेश भट्ट, ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि आदि ने भी अपने विचार रखे। दो सत्र में सम्पन्न हुए समारोह में केशव प्रसाद सिंह, संजय, डॉ.राम प्यारे प्रजापति, प्रधानाचार्य सुभाष चन्द्र यादव परदेसी समेत विभिन्न स्थानों से आये साहित्यकार, शिक्षक व समाजसेवी आदि उपस्थित रहे।

इन साहित्यकारों को मिला सम्मान

समारोह में व्यंग्यकार ब्रृजेश कुमार पाण्डेय इन्दु को डॉ.जयसिंह व्यथित स्मृति अवधी साहित्य रत्न सम्मान प्रदान किया गया वहीं कहानीकार दिनेश प्रताप सिंह चित्रेश को मान बहादुर सिंह स्मृति साहित्य रत्न सम्मान मिला। राकेश प्रताप सिंह को धनंजय सिंह स्मृति शिक्षा रत्न सम्मान तथा वरिष्ठ पत्रकार विनोद कुमार श्रीवास्तव को रामकृष्ण जायसवाल स्मृति पत्रकारिता रत्न सम्मान प्रदान किया गया। प्रतापगढ़ के डॉ.दयाराम मौर्य रत्न को रामानुज त्रिपाठी स्मृति बाल साहित्य रत्न सम्मान, नरेंद्र प्रताप शुक्ल को त्रिलोचन शास्त्री स्मृति साहित्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।
बाराबंकी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राम बहादुर मिश्र को मिलने वाल राम नरेश त्रिपाठी स्मृति लोक साहित्य रत्न सम्मान को उनके प्रतिनिधि डॉ.ओंकारनाथ द्विवेदी ने ग्रहण किया। इसके साथ ही सभी मंचस्थ अतिथियों को अंगवस्त्र, पुष्पमाला, सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
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