भारत-नेपाल के सीमावर्ती गांवो में आधार अपडेशन के लिए चलेगा अभियान: डीएम

प्रदेश के 08 सीमावर्ती जनपदों के चयनित 22 विकास खण्डों में दस्तावेज़ों को अपडेट किये जाने का कार्य किया जायेगा

बहराइच। देश के सीमावर्ती जनपदों में अनाधिकृत रूप से रह रहे अथवा प्रवासियों (माइग्रेट) द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड बनवाने तथा इसके माध्यम से भारत सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के प्रयास किये जाने के प्रकरण सामने आए हैं। ऐसे प्रयासों पर प्रभावी अंकुश के लिए प्रदेश के 08 सीमावर्ती जनपदों के चयनित 22 विकास खण्डों में दस्तावेज़ों को अपडेट किये जाने का कार्य किया जायेगा। जिसके अन्तर्गत जनपद के विकास खण्ड मिहींपुरवा व नवाबगंज में व्यस्क निवासियों के आधार में दस्तावेज़ अपडेट कराया जाना है।
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यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि सीमावर्ती विकास खण्डों में 18 वर्ष से अधिक आयु के (व्यस्क) निवासियों के आधार में दस्तावेज अपेडट किये जाने हेतु डोर-टू-डोर सर्वे हेतु ग्रामवार टीम का गठन किया जायेगा। प्रत्येक टीम में एक आशा अथवा आंगनबाडी कार्यकत्री, एक लेखपाल अथवा ग्राम विकास/पंचायत अधिकारी तथा एक पुलिस आरक्षी सम्मिलित किये जायेंगे।

शहरी क्षेत्रों के लिए गठित टीम में ग्राम विकास/पंचायत अधिकारी के स्थान पर सम्बन्धित नगरीय निकाय के अधिकारियों को सम्मिलित किया जायेगा। डीएम ने बताया कि गठित टीमों को आधार सर्वे के प्रशिक्षण हेतु सीमावर्ती विकास खण्डों मिहीपुरवा व नवाबगंज में 04-04 अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में नामित किया जायेगा।

मास्टर ट्रेनर्स को यूआईडीएआई द्वारा आधार में दस्तावेज अपडेट करने के कार्य, पते का प्रमाण (पी.ए.ओ.)/पहचान का प्रमाण (पी.ओ.आई.) के रूप मे निवासियों से देखे जाने वाले दस्तावेजों तथा डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान प्रपत्रों को भरे जाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स गठित टीमों के सदस्यों को प्रशिक्षण प्रदान कर सर्वें की व्यवहारिक एवं तकनीकी जानकारी प्रदान करेंगे।

प्रशिक्षण के पश्चात दस्तावेज अपडेशन हेतु डोर-टू-डोर सर्वे हेतु प्रत्येक विकास खण्ड में निर्धारित स्थानों पर 10 आधार नामांकन किट्स को कैप्स मोड में संचालित किया जायेगा। सम्बन्धित रजिस्ट्रार द्वारा कैम्प मे पीओआईपीओए हेतु मान्य दस्तावेजों की अद्यतन सूची तथा आधार सेवाओं के लिये निर्धारित शुल्क का विवरण उपलब्ध/प्रदर्शित किया जायेगा।

टीम द्वारा डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान परिवार का विवरण निर्धारित प्रपत्र-बी में भरा जायेगा। सम्बन्धित एसडीएम द्वारा इस कार्य की साप्ताहिक रूप से समीक्षा की जाएगी तथा यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि क्षेत्र में निवासित कोई भी व्यस्क व्यक्ति छूटा नहीं है।

कैम्प की गतिविधि के दौरान यदि कोई व्यस्क निवासी मूल दस्तावेज दिखाने मे असमर्थ है अथवा दिखाया गया दस्तावेज फर्जी होने का संशय है अथवा व्यक्ति के अपात्र निवासी, अवैध प्रवासी अथवा तय अवधि से ज्यादा रहने वाले विदेशी व्यक्ति होने का संशय है, तो ऐसे प्रकरणों को पुलिस/सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अग्रेत्तर जांच/सत्यापन किये जाने हेतु चिन्हित किया जायेगा।
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