सॉफ्ट हिंदुत्व के साथ सपा फूकेंगी कार्यकर्ता में जोश
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी होंगे शामिल, 9 और 10 जून को कुल छः सत्र होंगे आयोजित
सीतापुर। लगातार प्रदेश में चुनाव दर चुनावों में पिछड़ती जा रही समाजवादी पार्टी कभी अपने गढ़ रहे सीतापुर जनपद के नैमिषारण्य से कार्यकर्ताओं में नया जोश भरेगी। 9 और 10 जून को होने वाले इस दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव 2024 को जीतने का मंत्र दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, सपा महासचिव शिवपाल सिंह यादव समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
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वर्ष 2014 के लोकसभा और वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों से पूर्व सीतापुर जनपद सपा के गढ़ के रूप में जाना जाता था । मोदी लहर और योगी के कमाल ने इस जनपद से सपा के जनाधार को कम कर दिया । पार्टी द्वारा नैमिषारण्य में इस शिविर के आयोजन का उद्देश्य लोहियावादी और अंबेडकरवादी विचारों के साथ हिन्दुत्व का भी संदेश देने का है । सपा के रणनीतिकारों का कहना है चूंकि अब 2024 ज्यादा दूर नहीं है जिसके चलते समाजवादी पार्टी इस प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से अपनी खोयी सियासी जमीन फिर से पाने के लिए कमर कस चुकी है। इस शिविर के बाद समाजवादी पार्टी एक नई ऊर्जा, सूझबूझ से सजे मास्टर प्लान के साथ प्रदेश की आम जनता के बीच जाएगी और केंद्र तथा प्रदेश सरकार की कमियों को जनता के बीच रखेगी । इस प्रशिक्षण शिविर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव खुद मौजूद रहेंगे, साथ ही राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर के वरिष्ठ नेतागण, जिले के पार्टी पदाधिकारियों के साथ ही पूर्व मंत्रियों, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, जिलाध्यक्षों, एमएलसी, विधानसभा प्रभारी, यूथ फ्रंटल संगठन व ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से 2024 में विजय का मूलमंत्र देंगे ।
जिले में पार्टी की अंतर्कलह को खत्म करना होगी चुनौती
पिछले लोकसभा, विधानसभा और निकाय चुनावों के दौरान पार्टी अंतर्कलह के चलते अपेक्षा अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकी है । पिछले चुनावों के परिणाम से यह स्पष्ट है । हाल में बीते निकाय चुनावों में सपा के गढ़ रहे लहरपुर में एमएलसी जासमीर अंसारी अपनी पत्नी पूर्व सांसद कैसर जहां को निकाय चुनाव नहीं जिता सके, वहीं अर्से से नगर पालिका सीतापुर के अध्यक्ष पद पर सपा के पूर्व विधायक और अध्यक्ष राधेश्याम जायसवाल का जादू भी काम नहीं आया और उनकी हार का कारण सपा की अंतर्कलह रही । निकाय चुनाव के नतीजे आने से पहले पूर्व विधायक राधेश्याम जायसवाल ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर पार्टी पदाधिकारियों और कुछ पूर्व विधायकों पर पार्टी के पक्ष में समर्थन न करने का आरोप लगाया था ।
“वर्ष 2012 में थे सात विधायक अब केवल एक”
2014 लोकसभा चुनाव के पहले तक जिला समाजवादी पार्टी के गढ़ के रूप में जाना जाता था , उस समय जिले की नौ सीटों में से सात विधायक सपा के थे लेकिन वर्ष 2017 में भाजपा को सात और सपा व बसपा को एक एक सीट मिली थी जबकि 2022 के चुनाव में भाजपा को आठ और सपा को केवल एक सीट मिली । ऐसे में पार्टी इस जनपद सहित अवध क्षेत्र में अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए नए ढंग से रणनीति तैयार करने का प्रयास करेगी ।
“यादव परिवार की है नैमिषारण्य तीर्थ के प्रति गहरी आस्था”
पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव का पूरा परिवार नैमिषारण्य तीर्थ के प्रति विशेष आस्था रखता है । अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, भाई धर्मेंद्र यादव, चाचा शिवपाल यादव, भतीजे तेज प्रताप यादव सहित लगभग सभी परिवारीजन आये दिन तीर्थ में धार्मिक अनुष्ठानों के लिए आते रहते हैं ।
दिए जाएंगे चुनावी तैयारियों के टिप्स
पूर्व मंत्री और पूर्व मिश्रिख विधायक रामपाल राजवंशी में बताया कि इस दो दिवसीय शिविर में कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव में मतदाता सूची में गड़बड़ियों को दूर करना, जनता के बीच पार्टी के संदेश को पहुंचाना और आम जनता में भाजपा के भ्रम को दूर करने के टिप्स दिए जाएंगे।
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