सूरज ढलते ही अवैध मिट्टी खनन कर दौड़ रही ट्रैक्टर-ट्रॉलियां

ट्रैक्टरों के शोर से देवकली रोड पर रहने वाले लोग परेशान, डीएम को शिकायती पत्र देकर की कार्रवाई की मांग

कौशल कुमार ,मंडल प्रभारी लखनऊ :लखीमपुर खीरी। पुलिस और अवैध मिट्टी खनन माफिया का गठजोड़ आम लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है। सूर्य के अस्त होते ही अवैध तरीके से मिट्टी भरकर दौड़ने वाली ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के शोर से सड़क किनारे रहने वाले लोग काफी परेशान हैं। अंधेरा होते ही किसी भी समय देवकली रोड पर इन ट्रैक्टर-ट्रालियों को दौड़ते देखा जा सकता है। अवैध खनन की समस्या से परेशान लोगों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की गुहार लगायी है।

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शहर से सटे इलाकों में इन दिनों अवैध मिट्टी खनन माफिया काफी सक्रिय हैं। सूर्य अस्त होने से लेकर उदय होने तक शहर के विभिन्न मार्गों पर इन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को किसी भी समय फर्राटा भरते देखा जा सकता है। रामापुर, देवकली रोड़, एलआरपी पुलिस चौकी क्षेत्र में इन दिनों मिट्टी का अवैध खनन जोरों पर हो रहा है। खनन माफिया और स्थानीय पुलिस के गठजोड़ के कारण यह अवैध कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। शहर से सटे भंसड़िया, विष्णूपुर, मथना, उदयपुर आदि गांवों में खनन माफिया बड़े पैमाने पर मिट्टी खुदवा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि मिट्टी खुदान में माफिया अधिकारियों को गुमराह कर बड़ा खेल करते हैं।

बताया जाता है कि माफिया डीएम को खेत मालिक की तरफ से एक प्रार्थना पत्र देते हैं। जमीन ऊसर और बंजर बताकर उसकी अधिकतम एक फिट तक मिट्टी निकालने की अनुमति लेते हैं। इसके बाद खनन माफिया तीन से चार फुट की गहराई तक मिट्टी निकालकर महंगे दामों पर बेचते हैं। एक ट्रॉली मिट्टी तीन से चार हजार रुपये के हिसाब से बेची जाती है। इन दिनों सबसे ज्यादा मिट्टी का खनन एलआरपी पुलिस चौकी क्षेत्र में चल रहा है। इस क्षेत्र में खनन करने के बाद मिट्टी भरी अधिकतर ट्रैक्टर ट्रॉलियां देवकली रोड से ही गुजरती है। बताया जाता है कि बरखेरवा, बेरिहा तारन, भंसिडया के माफिया चौकी एलआरपी क्षेत्र में खनन करा रहे हैं।

यह खनन सत्ताधारी एक नेता की शय पर हो रहा है। देवकली रोड के रहने वाले उदय प्रताप सिंह, सोबरन लाल, उमाशंकर दीक्षित, संजय निषाद आदि ने बताया कि रात भर ट्रैक्टर-ट्रालियां फर्राटा भरती हैं। ट्रैक्टरों की स्पीड इतनी तेज होती है कि उसकी आवाज से नींद हराम हो जाती है। रात भर में कम से कम 25 से 30 ट्रैक्टर ट्रॉलियां प्रतिदिन निकल रही हैं। लोगों ने सोमवार को डीएम से मिलकर उन्हें शिकायती पत्र सौंपा है और इस पर रोक लगाकर समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।

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