रामगंगा नदी ने किसानों के सपनों पर फेरा पानी

कालागढ़ डैम से पानी छोड़े जाने के बाद, चतरपुर, मननागर, मनोहरवाली के किसान पूरी तरह से हुए बर्बाद।

मुकेश कुमार  (क्राइम एडिटर व सह प्रभारी उत्तर प्रदेश) TV9भारत समाचार अफजलगढ  (बिजनौर )।  जनपद बिजनौर के अफजलगढ़ क्षेत्र में रामगंगा नदी के किनारे बसे सभी किसान रामगंगा नदी में आये अत्यधिक पानी के कारण बर्बाद हो गए हैं। जहां किसान रात दिन मेहनत करके फसल तैयार करता है। एक-एक रुपया जोड़कर अपनी फसल को पलता है, और जब उसे फसल को बेचकर लाभ कमाने का समय आता है। उस समय पर कभी बाढ़ आ जाती है और कभी सूखा पड़ जाता है।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार जब हमारे क्राइम एडिटर ने क्षेत्र का दौरा किया तो देखने में आया, कि पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण सभी नदियां ऊफान पर हैं। जिसमें अत्यधिक पानी चल रहा है इसी कारण नदी किनारे जितने भी गांव और फसल खेत खलिहान है। सभी में पानी चल रहा है। जिससे सभी फैसले तबाह और बर्बाद हो चुकी हैं। किसानो के घरों तक में पानी भर गया है। अब किसान रोने के अलावा और क्या कर सकता है। क्योंकि किसान के बच्चों की पढ़ाई, बच्चों के ब्याह शादी, खाना खर्चा सभी कुछ इस फसल पर ही निर्भर करता है। जहां भारत सरकार किसानों को हर तरह की सुविधा देने के लिए कई तरह की योजनाएं चल रही है। वहीं प्रकृति ने किसानों को ऐसी मार मारी है कि किसान उभर नहीं पाएगा। किसान फसल को अपनी औलाद की तरह पलता है। रात दिन मेहनत करता है। तब कहीं जाकर उसके हाथ पर चार पैसे आते हैं। जिससे वह अपनी गुजर बसर करता है, बच्चों को पड़ता है बच्चों के ब्याह शादी करता है। तब जाकर कहीं अपना जीवन यापन कर पता है। परंतु इस बार बाढ़ के

रौद्र रूप को देखते हुए किसान हर तरह से बर्बाद हो चुका है। जहां तक नजर जाती है वहां दूर तक पानी ही अपनी नजर आता है सभी फैसले जलमग्न हो चुकी हैं। कालागढ़ डैम से पानी छोड़े जाने के बाद तो, दूर-दूर तक पानी ही पानी हो गया। चतरपुर, मनोहरवाली, शाहपुर जमाल, माननगर, आलमपुर गांवडी, अलीयारपुर, भजावाला, झडपुरा, भागजोत के किसान पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं। किसान की बर्बादी को देखते हुए, अभी तक शासन चुप्पी साधे हुए हैं।

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