बिड़हरघाट नाव हादसा : घटना को याद कर चिहुंक जा रहे मौत के मुंह से लौटे लोग

सेल्फी के चक्कर में डगमगा कर डूबी थी नाव, बचा लिए गए थे दर्जन भर लोग तीन की गई थी जान

अखिलेश राय, सम्पादक व प्रभारी (उ.प्र.):अंबेडकरनगर। सरयू नदी में नौका विहार के वक्त सेल्फी लेने के चक्कर में डगमगाई नाव डूब जाने के बाद बचे दर्जन भर लोग हादसे को याद कर अभी भी चिहुंक जा रहे हैं। क्योंकि वे सीधे मौत के मुंह से लौटे हैं। जबकि डूबी तीन किशोरियों के शव को घटना के दूसरे दिन गुरुवार देर शाम बरामद कर लिया गया था। सभी लोग बगल के गांव में दावत ए वलीमा में शामिल होने रिश्तेदार के घर आए थे।

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उल्लेखनीय है कि जहांगीरगंज के बिड़हर खास गांव निवासी इसरार अहमद के घर बुधवार को बहू भोज (दावत-ए-वलीमा) में शामिल होने के लिए विभिन्न स्थानों से रिश्तेदार व उनके परिजन आए थे। उन्हीं में से दर्जनभर से ऊपर की संख्या में नाबालिग किशोर व किशोरी बुधवार प्रातः घाघरा नदी तट पर घूमने पहुंचे थे। नौका बिहार की इच्छा होने पर वहां स्थानीय निवासी रवि व अंकुर द्वारा चलाई जा रही छोटी नाव में करीब 15 लोग सवार हो गए। जैसे ही नाव किनारा छोड़ कुछ दूर बढ़ी तभी बैठे लोगों ने सेल्फी लेने का प्रयास किया। जिससे नाव का संतुलन बिगड़ने लगा। इसी बीच डरकर उनमें से एक ने बचने के लिए नदी में छलांग लगा दी। इसके बाद नाव का संतुलन और बिगड़ गया। नतीजा यह हुआ की नाव पलट गई और उसमें सवार सभी लोग भी नदी में डूब गए। जिसे देख किनारे पर मौजूद इन्हीं में से एक प्रत्यक्षदर्शी गुलजार ने शोर मचाया। थोड़ी ही देर में लोगों की भारी भीड़ नदी किनारे पहुंच गई।

स्थानीय युवक लालचंद, पवन व आनंद आदि ने कड़ी मशक्कत कर हंसवर भूलेपुर निवासी आयशा खातून पुत्री एहतेशाम, रामनगर की आसफा खातून पत्नी मोहम्मद सुफियान 22 वर्ष, टांडा के फूलपुर की सबा अंजुम पुत्री मोहम्मद शमीम, राजेसुलतानपुर की मुस्कान पुत्री लाल मोहम्मद 18 वर्ष,बिडहर के इम्तियाज पुत्र सैद, खुशबू पुत्री रफीक 15 वर्ष, रोजी पुत्री निसार 14 वर्ष,सना पुत्री मोहम्मद कमाल 12 वर्ष,आसिफ पुत्र शफीक 12 वर्ष व गुफरान पुत्र रफीक 22 वर्ष,तथा टांडा के पप्पू पुत्र मोहम्मद मूसा को बचा कर बाहर निकाल लिया। जबकि नदी में डूबी तीन बालिका नेवारी की गुलजार, टांडा के रसूलपुर की नेदा व फूलपुर की साल्हया गायब हो गयी। जिनकी तलाश के लिए एनडीआरएफ टीम लगाई गई थी। उक्त टीम द्वारा काफी मशक्कत के बाद गुरुवार देर शाम तीनों लड़कियों का शव बरामद कर लिया गया। जिसके बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। उधर इस हादसे में जो दर्जन भर लोग मौत के मुंह से लौटे हैं वह आज भी घटना के उस भयानक क्षण को याद कर चिहुंक जा रहे हैं। बचे तमाम किशोरों ने कहा नाव डूबते समय उन्होंने अपने जीने की उम्मीद ही छोड़ दी थी।

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