बड़ौदा यूपी बैंक में 19 व 20 जून को हड़ताल
नई भर्ती न होने से गुस्सा हैं कर्मी, कर्मचारी नेता शिवकरन द्विवेदी बोले सभी ग्रामीण बैंकों में नई भर्ती हो रही, लेकिन बॉब के दबाव में 3 सालों से यहां नही हुई भर्ती
अखिलेश राय, सम्पादक व प्रभारी (उ.प्र.):सुल्तानपुर। इस वर्ष भी बड़ौदा यूपी बैंक में नई भर्ती न किए जाने से नाराज हजारों अधिकारी और कर्मचारी सोमवार और मंगलवार को हड़ताल पर रहकर अपने विरोध का इजहार करेंगे।
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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के 31 जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों में फैली हुई बड़ौदा यूपी बैंक की 1983 शाखाओं में 19 और 20 जून को हड़ताल के चलते कामकाज ठप रहेगा। इस हड़ताल को रोकने के लिए उप मुख्य श्रम आयुक्त कानपुर द्वारा आयोजित वार्ता दो बार फेल हो चुकी है। बैंक के अड़ियल रवैया से नाराज श्रम आयुक्त ने बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक को कड़ा पत्र भेज करके अगली वार्ता मे 23 जून को उन्हें स्वयं अथवा महाप्रबंधक से उच्च स्तर के अधिकारी को बातचीत के लिए बुलाया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि निर्धारित तिथि पर वह स्वयं या उनका सक्षम प्रतिनिधि वार्ता में शामिल नहीं होता है तो उनको हाजिर होने के लिए सम्मन जारी किया जाएगा।
हड़ताल की नोटिस देने वाले ज्वाइंट फोरम आफ बीओबी स्पॉन्सर्ड आरआरबी यूनियन के संयोजक शिवकरण द्विवेदी का कहना है कि सभी ग्रामीण बैंकों में प्रतिवर्ष नई भर्ती हो रही है, लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा के दबाव में पिछले 3 सालों से यहां पर कोई भी भर्ती नही की गई है। जिसके कारण बैंक की ग्राहकों की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं तथा मौजूदा कर्मचारियों पर काम का बोझ तेजी से बढ़ रहा है। उनका आरोप है कि नई भर्ती न करके बैंक ऑफ बड़ौदा से 27 अधिकारियों को यहां पर प्रतिनियुक्त पर लाया गया है। जिनका वेतन भत्ते और सुविधाएं का भारी बोझ इस बैंक को उठाना पड़ रहा है।
द्विवेदी का यह भी आरोप है कि बैंक के उच्च अधिकारी प्रायोजक बैंक के इशारे पर भारत सरकार और नाबार्ड के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।
बड़ौदा यूपी बैंक एंप्लाइज यूनियन और ऑफीसर्स एसोसिएशन के महामंत्री कामरेड रामकृष्ण पांडे व कामरेड सुरेश श्रीवास्तव का कहना है, कि बड़ौदा यूपी बैंक में सभी 1983 शाखाओं में पूरी तरह से हड़ताल रहेगी तथा बैंक के प्रधान कार्यालय पर गोरखपुर में धरना और विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा।
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