पापी दुराचारी राक्षसों का विनाश करने को अवतरित होतीं है देवी मैया : रविशंकर महाराज

तिवारी पुरवा में देवी भागवत का चौथा दिन

गोण्डा। तिवारी पुरवा गांव में स्थित कौमारी माता मन्दिर परिसर में चल रही देवी भागवत में कथा बहराइच जनपद अंतर्गत ऋषिभूमि रिसिया के पीठाधीश्वर संत रविशंकर महाराज ‘भाई जी’ ने कथा के चतुर्थ दिवस पर नवरात्र के महात्म्य एवं देवी के विभिन्न स्वरूप का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जिस समय पृथ्वी पर दुराचारी पापी राक्षसों का अत्याचार चरम पर पहुंच जाता है तब उस अत्याचार को हटा कर सदाचार की स्थापना के लिए मां विभिन्न रूपों में अवतार धारण करती हैं।

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कथा पीठाधीश्वर स्वामी रविशंकर महाराज जी ने कहा कि नवरात्रि के नौ दिवस में साधक को सिद्धि प्राप्त हो जाती है। मां की अनुकंपा प्राप्त करने के लिए साधक जब नवरात्रि में प्रवेश करता हैं तो पहले दिवस में मां का शैलपुत्री स्वरूप आता है। मां हिमालय राजा की पुत्री के रूप में अवतरित होकर अपने भक्तों का कष्ट हरती है। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के दूसरे जिस स्वरूप की पूजा होती है वह मां ब्रह्मचारिणी माता का स्वरूप है। मां ब्रह्मचारिणी के स्वरूप की पूजा अर्चना से तपस्वी रूप धारण कर माता तप करने की प्रेरणा साधक को प्रदान करती हैं।
जबकि मां का तीसरा रूप चंद्रघंटा देवी का है। जब भगवान शंकर ने काल स्वरूप धारण किया तब माता ने चंद्रघंटा स्वरूप धारण करके भगवान के क्रोध को शांत किया था। कथा व्यास रविशंकर महाराज ने कहा कि मां दुर्गा का चौथा स्वरूप कुष्मांडा है। यह पूरे संसार को उत्पन्न करने वाली देवी कुष्मांडा है। वहीं माँ दुर्गा का पंचम स्वरूप स्कंदमाता का है। स्कंदमाता स्वरूप में मां दुर्गा भगवान कार्तिकेय की मां बनी थी।

वहीं मां के छठे स्वरूप में मां दुर्गा का दर्शन कात्यायनी रूप में होता है। इस स्वरूप में मां अपने भक्तों का हर तरह से कल्याण करती हैं। सातवें स्वरूप में मां दुर्गा कालरात्रि के रूप में दर्शन प्रदान करती हैं। वहीं मां का अष्टम स्वरूप मां गौरी का है और नवमी में मां दुर्गा सिद्धिदात्री बनकर भक्तों को हर सुख समृद्धि शांति प्रदान करती है।

कथा पीठाधीश्वर ने कहा कि देवी भागवत में नवरात्रि का महत्व बताते हुए कहा गया है कि सद्विचार नवरात्र मानी जाती हैं। एक वर्ष में दो जागृत और दो गुप्त नवरात्र इसलिए आते हैं कि भक्त उस में पूजा अर्चना कर अपना कल्याण कर सके, इहलोक और परलोक सवार सके।

इस अवसर पर मुख्य यजमान विश्वकर्मा कसौधन की पत्नी सीता रहीं जबकि कथा कार्यक्रम में समाजसेवी संदीप मेहरोत्रा, रमेश गुप्ता, सुखदेव गुप्ता, जितेश सिंगल, पप्पू, अरुण मिश्रा, अरविंद प्रजापति, प्रकाश आर्य हीरो सभासद, डॉक्टर अमित गुप्ता, डॉक्टर परमानंद, कृष्ण मोहन अग्रवाल, दीपेंद्र मिश्रा, अजय मिश्रा, पप्पू सोनी, दीपक गुप्ता, डॉक्टर किशन जयसवाल, केपी सिंह, संजय गुप्ता, डॉक्टर अनिल समेत काफी संख्या में भक्तजन मौजूद रहे।
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