नहीं आया गले का हार, दुल्हन बोली नहीं जाऊंगी ससुराल

हार के आगे हार मानकर बैरंग लौट गई बारात, बेनतीजा रही 12 घंटे तक कोतवाली में चली पंचायत।

मुकेश कुमार  (एडिटर क्राइम व सह प्रभारी उत्तर प्रदेश) हरदोई।  दूल्हे को अपनी दुल्हन के लिए गले का हार ना लाना इतना महंगा पड़ गया, कि दुल्हन ने निकाह कबूल करने से साफ इंकार कर दिया। किसी तरह बात बन जाए इसके लिए कोतवाली में पूरे 12 घंटे तक पंचायत होती रही। लेकिन फिर भी कोई नतीजा नहीं निकल सका। फिर क्या था बेचारा दूल्हा दुल्हन के बिना ही बारात वापस लेकर चला गया।

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मामला बेनीगंज कोतवाली के गांव बरौली गांव है। वहां सोमवार को लखीमपुर खीरी से बारात आई हुई थी। जिसमें बारातियों की ठीक अच्छी तरह से खातेदारी कि गयी। उसके बाद शादी की रश्म शुरू हो गई, अव बारी निकाह की आई, लेकिन उससे पहले दुल्हे की तरफ से लाया गया डाल दिखाया गया। जेवर में गले का हार नहीं था। बस फिर क्या था उसे लेकर वहां मौजूद लोगों में कानाफूसी शुरू हो गई। बात दुल्हन के कानों तक पहुंच गई है। वहीं से बातचीत  बिगड़ गई थी। दुल्हन ने निकाह कबूल करने तक से इंकार कर दिया। दुल्हन का ऐसा फैसला सुनकर दुल्हा खड़े से गिर गया। उसके बाद बात मनाने के लिए दिन भर आपस में पंचायत होती रहेगी। लेकिन फिर भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया। इस पर दुल्हे ने बेनीगंज कोतवाली में शिकायत की, इस पर वहां पहुंची बेनीगंज पुलिस दूल्हा और दुल्हन दोनों के घरवालों को कोतवाली बुलाकर ले गए। वहां भी दोनों को आमने-सामने बैठाकर पंचायत जोड़ी गई। वहां सोमवार देर रात तक चली पंचायत के बाद भी अपनी जिद के पीछे नहीं हटे। नतीजे दूल्हा बिन दुल्हन के ही अपनी बारात वापस लेकर वहां से चला गया। इस पूरे मामले पर जब एसएचओ बेनीगंज सुनील कॉल से बात करना चाहे तो उनका सीयूजी नंबर नहीं उठ पाया।

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