नव दंपति से परिवार नियोजन पर होगा संवाद

सेहत महकमा आज से शुरू करेगा आर्शीवाद अभियान

सीतापुर। नव विवाहित दंपति विशेष रूप से जिनका विवाह एक साल के अंदर हुआ हो ऐसे लोगों से परिवार नियोजन पर संवाद करने के लिए स्वास्थ्य विभाग आर्शीवाद अभियान का शुभारंभ करने जा रहा है। यह अभियान विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आयोजित किया जाएगा। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक ने सूबे के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं।

यह भी पढ़ें : नेपाली प्रधानमंत्री प्रचंड ने विपक्षी पार्टियों पर अपने बयान पर संसद में स्पष्टीकरण रोकने का लगाया आरोप

सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश में 25-35 प्रतिशत आबादी युवा वर्ग की है। इस वर्ग को यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, परिवार नियोजन और पोषण की जानकारी देने की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग इस अभियान का आयोजन कर रहा है। इस मौके पर नव दंपति को गर्भावस्था के दौरान होने वाले संभावित खतरों से बचाव के लिए सावधानी बरतने, जांच कराने की सलाह दी जाएगी। इसके साथ ही उच्च जोखिम वाली (एचआरपी) गर्भवती की पहचान कर उनका फॉलोअप किया जाएगा।

कार्यक्रम के नोडल अफसर एवं एसीएमओ डॉ. आरएन गिरी ने बताया कि इस अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में नव विवाहित दंपति की सूची तैयार करेंगी, साथ ही उन्हें शगुन किट मिली है या नहीं इसकी भी जानकारी दर्ज करेंगी। इसके बाद 11-31 जुलाई के मध्य इन दंपति का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर गर्भावस्था एवं स्वास्थ्य परीक्षण कर शगुन किट प्रदान की जाएगी। इन दौरान नव विवाहिता की लंबाई, वजन, ब्लड प्रेशर, शुगर और हीमोग्लोबिन की जांच की जाएगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर विवाहिता को एचआरपी से बचाव के लिए एनीमिया, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, पोषण के बारे में जानकारी दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आने वाली महिलाओं को शादी के दाे साल बाद ही गर्भधारण की योजना बनाने के बारे में काउंसलिंग की जाएगा और बास्केट ऑफ च्वाइस की जानकारी देते हुए परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों के बारे में बताया जाएगा। गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच की सेवा देने के साथ ही टेली कंसल्टेशन किया जाएगा। परिवार नियोजन के साधनों की निरंतरता बनाए रखने के लिए नव दंपति का प्रत्येक माह फालोअप भी किया जाएगा।

अपने हिसाब से चुनें विकल्प

परिवार कल्याण कार्यक्रम के प्रबंधक जावेद खान ने बताया कि बताया कि परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में अंतरा इंजेक्शन प्रति तीन माह के अंतर पर लगाया जाता है। जन्म के बीच अंतर रखने के लिए आईयूसीडी (इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस) महिलाओं के लिए काफी सुरक्षित मानी जाती है। इसके अलावा साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली छाया, आकस्मिक गर्भ निरोधक गोली और माला एन भी परिवार नियोजन के अस्थायी साधन हैं। पुरुषों के लिए एकमात्र अस्थायी गर्भ निरोधक साधन कंडोम है।
यह भी पढ़ें : नेपाली प्रधानमंत्री प्रचंड ने विपक्षी पार्टियों पर अपने बयान पर संसद में स्पष्टीकरण रोकने का लगाया आरोप