जिंदगी से निराश हैं तो आए बाबा धाम, करे थापा पूजा पूरी होगी मनोकामना

संतान,नौकरी और विवाह सुख के लिए इस मंदिर में कीजिए विधि विधान से थापा पूजा, भोलेनाथ की बरसेगी विशेष कृपा 

रांची। अगर आपको किसी चीज कि आवश्यकता है और मन्नत मांगने पर भी पूरी नहीं होती है तो आप चले आये देवघर जी हां बाबा बैद्यनाथ धाम में आपकी सारी मनोकामना पूर्ण होगी। देवघर स्थित बाबा मंदिर में एक अलग ही परंपरा निभाई जाती है एकमात्र ज्योतिर्लिंग है जहां पर थापा पूजा किया जाता है। बस आवश्यकता है आपको घर से बाबा धाम पहुचने की। थापा पूजा के कारण बैद्यनाथ धाम में व्यक्ति की सारी मनोकामना पूर्ण होती है।

यह भी पढ़ें : शिक्षकों पर हमले से उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ गुस्सा

फोटो : तीर्थ पुजारी बाबा वैद्यनाथ धाम

जानकारों के अनुसार ऐसी मान्यता है की बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भ गृह के दीवार पर जो कोई भी उलटा हाथ से थापा लगाकर मन्नत मांगता है उसकी मनोकामना पूर्ण जरूर होती हैं। देवघर का बाबा मंदिर में एक ज्योतिर्लिंग है जहाँ ऐसी परंपरा है कि जिसके तहत श्रद्धालु की सारी मनोकामना पूर्ण होती है, जैसे संतान प्राप्ति की कामना, नौकरी लगने की कामना, शादी होने की कामना या अन्य कामना पूर्ण हो जाता है।

अगर आपको किसी चीज कि जरुरत है और मन्नत मांगने पर भी पूरा नहीं होता है तो आप चले आए देवघर, आपकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाएगा। खासकर निसंतान औरतों की कामना बाबा अवश्य पूरी करते हैं।

बाबा मंदिर के तीर्थपुरोहित के अनुसार ऐसी मान्यता है की बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भ गृह के दीवार पर जो कोई भी उलटा हाथ से थापा लगाकर मन्नत मांगता है उसकी मनोकामना जल्द ही पूरी हो जाता है। मनोकामना पूर्ण होने पर सीधे हाथ से थापा लगा कर पूजा करने की परंपरा है। अपनी मन्नत को लेकर एक विशेष पूजा के तहत भक्त देवघर पहुँच कर बाबा के मंदिर के गर्भगृह के बाहरी दीवार पर दोनों हाथों की हथेलियों से थापा लगाते है।

यहां एक परंपरा है श्रद्धालु अपनी मन्नत मांगने के लिए पहले उलटे हाथ से दीवार पर पूरी विधि विधान से थापा लगाते है, और जब मन्नत पूरा हो जाता है तब सीधे हाथ से थापा लगाकर भोलेनाथ का दिया आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं। बाबा के दरबार में मन्नत मांगने वालों की कमी नहीं है।

प्रतिदिन ढेर सारे श्रद्धालु बाबा से मन्नत मांगते नजर आते हैं। इतना ही नहीं मन्नत पूरा होने पर मंदिर परिसर में ही तरह-तरह के कार्यक्रम को संपादित करते हैं। चाहे वह शादी हो, जनेउ या फिर मुंडन हो।
यह भी पढ़ें : शिक्षकों पर हमले से उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ गुस्सा