गुरु की महिमा का बखान कर पंचवटी पौधों का किया रोपण

श्री गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर हनुमंत आश्रम नगरौर (चितौरा) परिसर में धार्मिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

बहराइच। श्री गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर आज सोमवार को हनुमंत आश्रम नगरौर (चितौरा) परिसर में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। गुरु की महिमा का बखान करते हुए सभी ने पंचवटी पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। वक्ताओं ने कहा कि गुरु ही जीवन की राह दिखाता है, गुरु के बिना जीवन अधूरा है। गुरु की महिमा के साथ ही पर्यावरण और जल संरक्षण पर भी चर्चा हुई।

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आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीठाधीश्वर हनुमंत आश्रम स्वामी विष्णु देवाचार्य जी महाराज ने कहा कि सनातन काल से गुरु का महत्व मानव जीवन में सर्वाधिक पूजनीय रहा है गुरु हमे आदर्श जीवन की राह दिखाते हुए ब्रह्म तक पहुचने का रास्ता दिखाते हैं, स्वामी जी ने कहा कि, गुरु बिन भव निधि तरइ न कोई। जौ बिरंचि संकर सम होई। अर्थात इस संसार मे यदि भवसागर पार होना है तो गुरु के शरणागत होना ही पड़ेगा।

आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच संजय शर्मा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण से ही मानवजीवन सुखमय बना रह सकता है, इसके लिए आवश्यक है कि खाली पड़े स्थानों में पंचवटी प्रजाति के पौधों का रोपण व संरक्षण अधिकाधिक संख्या में किया जाए। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि अपने जन्मदिन, शादी की सालगिरह एवं अन्य मांगलिक कार्यक्रमों के अवसरों पर पौधरोपण की परंपरा भी अपनाएं जिससे पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित करने में मदद मिल सके।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विशेष न्यायाधीश अनिल त्रिपाठी ने किया। जबकि संचालन मालवीय मिशन अध्यक्ष बहराइच (अवध) संजीव श्रीवास्तव एडवोकेट ने किया। धन्यवाद ज्ञापन पर्यवारण विद पुण्डरीक पाण्डेय ने किया।

आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से समाजसेवी डॉ. राधेश्याम गुप्ता, विवेक सक्सेना, पंडित विद्या भूषण त्रिपाठी, पंडित श्याम त्रिपाठी, सत्यम शुक्ल, राजीव त्रिपाठी, पारस नाथ गुप्ता सहित सैंकड़ो ग्रामीणजन उपस्थित रहे। समापन अवसर पर हनुमंत आश्रम परिषर में प्रभागीय वनाधिकारी व उपस्थित समाजसेवियों ने पंचवटी प्रजाति के पौधों का रोपण कर रोपित पौधों के संरक्षण का सामुहिक संकल्प भी लिया।
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