कार से बरामद 93 लाख रुपयों पर डोल गयी थानाध्यक्ष की नियत, निलंबित

सीपी ने डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम को सौपी जांच, इनकम टैक्स की टीम अलग से करेगी तफ्तीश

वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र में बुधवार देर रात को लावारिस कार में नोटों से भरा बोरा मिलने की जांच शुरू हो गई है। 93 लाख रुपयों की बरामदगी की जांच में सबसे पहले पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल उठ गया। किरकिरी होते देख पुलिस कमिश्नर ने इंस्पेक्टर भेलूपुर को लाइन हाजिर कर दिया। वहीं खोजवा चौकी इंचार्ज का तबादला कोतवाली में कर दिया है। पुलिस आयुक्त ने इंस्पेक्टर राजेश सिंह को भेलूपुर और इंस्पेक्टर वेद प्रकाश राय को चेतगंज थाना प्रभारी बनाया है।

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आपको बताते चलें कि शंकुलधारा पोखरे के पास एक कार की डिगी में बोरे को खोलने पर उसमें रुपए बरामद हुए थे। सूचना पर इनकम टैक्स की टीम मौके पर पहुंच गई और लोगो की भीड़ भी जुट गई। पुलिस ने थाने लाकर रुपयों की गिनती की तो 92 लाख 94 हजार 600 रुपए मिले। एसओ ने पुलिस कमिश्नर को मामले की जानकारी देने में हीलाहवाली की। बरामदगी में इंस्पेक्टर भेलूपुर और एक दरोगा की भूमिका संदिग्ध मिली और खामियां भी सामने आ गईं।

भेलूपुर पुलिस को दोषी मानते हुए पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। वहीं खोजवा चौकी इंचार्ज सुशील कुमार का तबादला कोतवाली मे कर दिया गया। रुपये की बरामदगी के मामले में पुलिस आयुक्त ने पूरे प्रकरण की जांच डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम को सौंप दी है।
शंकुलधारा पोखरे के पास लावारिस कार के साथ पूरे मामले का विवरण मांगा है। पुलिस आयुक्त के आदेश के क्रम में डीसीपी काशी जोन ने जांच शुरू कर दी है। कार से करीब 93 लाख रुपए बरामद होने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी जांच कर रहा है। उस जांच में प्रथम दृष्ट्या पुलिस पर सवाल उठे हैं और इसके बाद ही थानेदार पर कार्रवाई की गाज गिरी। कार के नंबर और चेसिस नंबर से वाहन मालिक का नाम छिपाया गया और मामले में लीपा-पोती का प्रयास भी चलता रहा। उपायुक्त काशी जोन राम सेवक गौतम ने बताया कि मामले की कई पहलुओं पर जांच हो रही है। रुपयों को इस तरह से छोड़ने वाले का पता लगा रहे हैं।
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