एसपी को गलती का हुआ एहसास तो पलटा आदेश

एसपी ने संबंधित बाबू को बुलाकर लगायी कड़ी फटकार,दूसरा आदेश जारी कर पुरानी व्यवस्था को पुनः किया गया बहाल

अखिलेश राय, सम्पादक व प्रभारी (उ.प्र.):लखीमपुर खीरी। एसपी ने दो दिन पहले आदेश जारी कर दिया कि थानों से छुट्टी लेकर जाने वाले सिपाही पुलिस लाइन से रवानगी कराएंगे। जब यह आदेश जारी हुआ तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। जब इस बात की जानकारी एसपी तक पहुंची तो आनन-फानन में आदेश को वापस लिया गया। दूसरा आदेश जारी कर पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया गया है। एसपी ने संबंधित बाबू को बुलाकर कड़ी फटकार लगाई और भविष्य में ऐसी गलती न करने की हिदायत भी दी।

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गौरतलब हो कि थानों, पुलिस चौकियों समेत संबंधित विभागीय पटलों पर तैनात पुलिसकर्मी सीओ स्तर से अवकाश लेकर रवानगी कराने के बाद चले जाते थे और अवकाश समाप्त होने पर सीधे तैनाती स्थल पर आकर आमद कराते थे, लेकिन 15 जून को एसपी गणेश प्रसाद साहा ने एक आदेश जारी कर दिया। इस आदेश के मुताबिक आकस्मिक, उपार्जित तथा चिकित्सीय अवकाश पर जाने वाले किसी भी पुलिस कर्मी की रवानगी सीधे नहीं कराने के निर्देश दिए गए। साथ ही संबंधित थाना, कार्यालय प्रभारी आदि को आदेशित किया गया कि अवकाश पर जाने वाले पुलिस कर्मियों को पुलिस लाइंस के लिए प्रस्थान कराएंगे, जहां से संबंधित पुलिसकर्मी की रवानगी होगी। इसके अलावा अनुपस्थित होने वाले कार्मियों का वेतन सेविंग करने के लिए आंकिक कार्यालय को बिना किसी विलंब सूचना भेज दी जाएगी।

इस आदेश के पीछे तर्क दिया गया कि थाना प्रभारियों से प्राप्त अभिलेखों के अवलोकन से स्पष्ट हुआ है कि थाना, कार्यालयों में नियुक्त कर्मचारी की अवकाश पर रवानगी थाना स्तर से की जा रही है। जिसके चलते संबंधित कर्मचारी के अनाधिकृत अभिलेख कार्यालय भेजे जाते हैं। यह प्रक्रिया सही नहीं है।

बाबू के तैयार किए गए इस आदेश पर जब एसपी गणेश प्रसाद साहा के हस्ताक्षर हो गए और यह आदेश थानों को प्रसारित होने लगा तो सिपाही और हेड कांस्टेबल सकते में आ गए। हैरान होना लाजिनी भी था, क्योंकि जिले का क्षेत्रफल काफी बड़ा है। गौरीफंटा, चंदन चौकी, संपूर्णानगर समेत कई थाने 130 किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर हैं। ऐसे में अगर पुलिसकर्मी रवानगी कराने पुलिस लाइंस आता है तो स्वीकृत अवकाश का एक दिन सिर्फ इसी कार्य में उसका बीत जाएगा। आदेश एसपी का होने के कारण कोई कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था लेकिन अंदरखाने चर्चा खूब रही। जब इस आदेश की भनक पुलिस अफसरों को हुई तो मामला एसपी के संज्ञान तक पहुंच गया। फिलहाल एसपी गणेश प्रसाद साहा ने आदेश व्यवहारिक न होने की बात कहकर उसे निरस्त कर दिया है।

फिर से लागू की गयी पुरानी व्यवस्था

पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद साहा से जब इस मामले में बात की गयी तो उन्होंने कहा उपस्थिति के अभिलेखों को लेकर कुछ दिक्कतें थी, लेकिन फिर से पुरानी व्यवस्था लागू कर दी गई है।

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