उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने लागू किया उपभोक्ता कानून
बिजली विभाग से मुआवजा पाने के लिए 1912 पर देनी होगी शिकायत, शिकायत के बाद शुरू होगी मुआवजा की ऑनलाइन प्रक्रिया, मुआवजे की रकम के बराबर का पैसा उपभोक्ता के बिल से कटेगा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली की समस्या से जूझने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है। क्षेत्र का ट्रांसफॉर्मर खराब हो गया है और इसकी शिकायत बिजली विभाग में की है तो निर्धारित 6 से 48 घंटे के बीच ट्रांसफॉर्मर सही हो जाएगा। अगर इस दौरान यह सही नहीं होता है तो बिजली विभाग मुआवजा देगा।
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इसी तरह गलत बिलिंग की शिकायत निर्धारित 7 दिन के भीतर सही नहीं होती है, तो 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। इस तरह की करीब डेढ़ दर्जन उपभोक्ता समस्याओं का समय से निस्तारण न होने पर बिजली विभाग उपभोक्ताओं को मुआवजा देगा। बीते सोमवार को पावर कॉरपोरेशन ने प्रदेश भर में मुआवजा कानून लागू करने का आदेश जारी कर दिया। इसके लिए उपभोक्ताओं को 1912 पर शिकायत करनी होगी। लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि बकाएदार उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। पावर कॉरपोरेशन तीन साल से इस व्यवस्था को लागू नहीं कर रहा था।
ऐसे मिलेगा लोगों को मुआवजा
अधीक्षण अभियंता यदुराम ने बताया की मुआवजे का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को किसी भी समस्या के निस्तारण के लिए 1912 पर शिकायत दर्ज करवानी होगी। जब तय समय पर उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा, तो उनको फिर 1912 पर ही मुआवजे के लिए शिकायत करनी होगी। इसके बाद शिकायतकर्ता को मुआवजा का अलग कंप्लेंट नंबर मिलेगा और फिर उनका मुआवजा प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू हो जाएगी। मुआवजे की रकम के बराबर का पैसा उपभोक्ता के बिल से कट जाएगा। बकायेदार उपभोक्ताओ को मुआवजा का लाभ नहीं मिलेगा।
अधिकतम 60 दिन में मिलेगा मुआवजा
उपभोक्ताओं को अधिकतम 60 दिन में मुआवजा दिया जाएगा। आयोग की ओर से जारी कानून में उपभोक्ता को एक वित्तीय वर्ष में उसके फिक्स चार्ज या डिमांड चार्ज के 30 प्रतिशत से अधिक का मुआवजा नहीं दिया जाएगा। उदाहरण के तौर पर जैसे 1 किलोवॉट का उपभोक्ता अगर महीने में 100 रुपए प्रति किलोवॉट फिक्स चार्ज देता है तो उसका पूरे साल का फिक्स चार्ज 1200 रुपए हुआ। ऐसे में उसे अधिकतम एक वित्तीय वर्ष में 360 रुपए का मुआवजा ही मिलेगा।
उपभोक्ताओं को इस दर से मिलेगा मुआवजा
उपभोक्ता समस्या – मुआवजा प्रतिदिन
अंडरग्राउंड केबिल ब्रेकडाउन -100 रुपए
निर्माण के चलते वोल्टेज की समस्या -250 रुपए
नए कनेक्शन में देरी -50 रुपए
मीटर रीडिंग के मामले- 200 रुपए
डिफेक्टिव मीटर -50 रुपए
बिलिंग शिकायत, भार में कमी- 50 रुपए
श्रेणी परिवर्तन- 50 रुपए
ट्रांसफॉर्मर फेल -150 रुपए
अस्थायी कनेक्शन -100 रुपए
कॉल सेंटर द्वारा रिस्पान्स न दिए जाने पर 50 रुपए मिलेगा।
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