आधार कार्ड बनाने के नाम पर हो रहा अवैध वसूली शासन की गोपनीय जांच में हुआ बड़ा खुलासा

10 जिलों के आधार ऑपरेटरों को किया गया निलंबित

अखिलेश राय,संतकबीरनगर। परिषदीय स्कूलों के बच्चों का आधार कार्ड बनाने के नाम पर प्रदेश के 10 जिलों में अवैध वसूली का खेल चल रहा था। शासन की गोपनीय जांच में मामला प्रकाश में आया है। इसके बाद 10 जिलों के आधार ऑपरेटर को शासन के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है। इस कार्रवाई से आधार बनाने वाले ऑपरेटरों में हड़कंप है। इसमे गोरखपुर और बस्ती मंडल के चार जिले शामिल हैं।

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प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन कराने वाले विद्यार्थियों का शासन ने आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए हर ब्लॉक में आधार ऑपरेटर की तैनाती कर बच्चों का आधार बनाने का निर्देश दिया गया है। जिले के सभी नौ ब्लाॅकों में आधार कार्ड बनाने का जिम्मा इन्हीं आपरेटरों के जिम्मे था। नये आधार के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाना था। पुराने आधार में नाम संसोधन, पता संसोधन व जन्मतिथि संसोधन के लिए अलग-अलग शुल्क लागू किया गया था।

जिले के आपरेटर नए कार्ड का भी शुल्क वसूल कर रहे थे। साथ ही आधार संसोधन में मनमाना शुल्क वसूल रहे थे। जिसकी शिकायत शासन तक पहुंची तो गोपनीय जांच कराई गई। जिसमे 10 जिलों में आधार ऑपरेटरों के जरिए अवैध वसूली की शिकायत की पुष्टि हुई। इसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने इन 10 जिलों के आपरेटर को निलंबित करने का निर्देश दिया था।

इन जिलों में हो रही थी अवैध वसूली 

संतकबीरनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, मुजफ्फरनगर, सीतापुर, जौनपुर, गोंडा, झांसी व फतेहपुर।

अब तक बन चुका है 88,300 आधार कार्ड

जिले के परिषदीय स्कूलों के नामांकित 1,15,000 बच्चों के सापेक्ष अभी तक 88300 बच्चों का आधार कार्ड बन चुका है। 26, 700 आधार कार्ड बनना बाकी है। इसमे मेंहदावल ब्लॉक में 4200, सांथा में 3600, बेलहर में 3000, सेमरियावां में 2700, बघौली में 6200, नाथनगर में 2700, खलीलाबाद में 3500, हैंसर में 2200 और पौली में 1800 बच्चों का आधार कार्ड बनना है।

इस प्रकरण में ज़ब अमित कुमार सिंह, बीएसए से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि शासन की गोपनीय जांच में आधार कार्ड बनाने में अवैध वसूली की शिकायत की पुष्टि हुई है। जिले में सेमरियावां ब्लॉक में तैनात ऑपरेटर को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही सभी ऑपरेटरों को निर्देश दिया गया है कि अगर ऐसी शिकायत आएगी तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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