आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने किया धरना प्रदर्शन मरीज रहे परेशान

मुकेश कुमार  (एडिटर क्राइम व सह प्रभारी उत्तर प्रदेश) बरेली। एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने की जुगत में लगी है। वहीं दूसरी ओर मरीजों को बेहतर इलाज तो दूर की बात है। सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं तक मुहैया नहीं हो पा रही है। जिला अस्पताल में मरीजों की परेशानी को देखते हुए 300 बेड वाले अस्पताल में ओपीडी शुरू की गई। लेकिन मरीजों की समस्याएं जस की तस बनी हुई है। कोविड हॉस्पिटल में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की हरकतों की वजह से मरीजों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। अस्पताल परिसर में तैनात आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन कर मरीजों के सारे कार्य बंद कर दिए। जिसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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हालात यह रहे कि रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए लोगों की लंबी कतार लग रही है। लेकिन उन्हें रैबीज का इंजेक्शन लगाने वाला कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था।  हालांकि अस्पताल परिसर में मौजूद स्टाफ भी अपने काम में आनाकानी दिखाने लगा। अस्पताल में तैनात कर्मचारियों ने मरीजों को अस्पताल में आने से रोकने की हरसंभव कोशिश की। अस्पताल में कहीं फीता रस्सी बांधकर रास्ता बंद किया गया तो कहीं लकड़ी की बली लगाकर रास्ता ब्लॉक कर दिया गया। ताकि मरीज अस्पताल के अंदर दाखिल ना हो सके। अस्पताल में काम करने वाले वर्ड बाय, वर्ड आया, व स्वीपर की सेवाएं 30 जून के बाद से समाप्त करने के आदेश मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जारी कर दिए थे। जिसके विरोध में आज दूसरे दिन भी कर्मचारी अपने कार्य से वितरित रहे। जिसकी वजह से अस्पताल में व्यवस्था पूरी तरह चरमरा रही है।

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