यूका का कचरा जलाने के दौरान हादसा हुआ, तो क्या इंतजाम “सुप्रीम कोर्ट” ने मध्य प्रदेश शासन से पूछा…?
इसकी आशंका को देखते हुए क्या व्यवस्थाएं की हैं..? सुप्रीम कोर्ट ने शासन से यह सवाल उसे जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पूछा है। जिसमें कहा गया कि यूनियन कार्बाइड की रासायनिक कचरे को जलाने से पहले शासन ने कोई इंतजाम नहीं किया है। ऐसे में किसी अनहोनी के आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। याचिका सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने दायर की है। उन्होंने बताया कि हमने याचिका में कहा है कि सरकार बगैर पर्यावरण स्वास्थ्य के नियमों का पालन किया यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने जा रही है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार इंदौर (मध्य प्रदेश )।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन से पूछा है कि धार जिले के पीथमपुर मैं भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का कचरा जलाने के दौरान अगर कोई घटना होती है तो उसके पास क्या इंतजाम है….? उसने इसकी आशंका को देखते हुए क्या व्यवस्थाएं की हैं..?
सुप्रीम कोर्ट ने शासन से यह सवाल उस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पूछा है, जिसमें कहा है कि यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे को जलाने से पहले शासन ने कोई इंतजाम नहीं किया है। ऐसे में किसी अनहोनी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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कचरा जहां जलेगा, वहां से 250 मीटर दूरी पर है गांव…….
याचिका सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने दायर की है। उन्होंने बताया हमने याचिका में कहा है कि सरकार बगैर पर्यावरण और स्वास्थ्य के नियमों का पालन किए यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने जा रही है।
कचरा जलाने की प्रक्रिया 9 महीने तक चलेगी। जिस जगह पर कचरा जलाया जाना है, उसमें 250 मीटर दूरी पर एक गांव है। 1 किलोमीटर के दायरे में अन्य गांव है। इन गांवों के ग्रामीणों को वैकल्पिक स्थान उपलब्ध नहीं करवाया गया है।
सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए भी काम नहीं किया है। अगर कोई हादसा होता है तो पीथमपुर में अस्पताल तक उपलब्ध नहीं है। किसी अनहोनी की स्थिति में बचाव के कोई इंतजाम नहीं है। इस तरह के कई मुद्दे हैं, जिन पर बात करना आवश्यक है।
याचिका में कहा गया है कि शासन को इस मामले में राज्य, जिला और स्थानीय स्तर पर समितियां गठित करनी थी, लेकिन नहीं की गई है। सोमवार को न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति एजी मसीह ने शासन को नोटिस जारी कर 24 फरवरी से पहले जवाब मांगा है।
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