उन्नाव में 5 महीने के मासूम की हत्या के बाद मां ने दे दी जान, रिश्ते की कड़वाहट बनी वज़ह।
सोमवार को पुलिस को सूचना मिली कि बाबूखेड़ा गांव में एक घर के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है। जब परिवार वालों ने उसे खोलने की कोशिश की तो कोई जवाब नहीं मिला। किसी अनहोनी की आशंका के बीच पुलिस और स्थानीय लोग दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे। जो मंजर सामने था वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर सकता था। मासूम माधव बेजान पड़ा था। और उसकी मां दुर्गेश का शव पड़ा था। यह दृश्य जिसने भी देखा उसकी आंखें नम हो गई।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार उन्नाव (उत्तर प्रदेश )।
जिले के बाबूखेड़ा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया। 30 वर्षीय दुर्गेश कुमार ने अपने 5 महीने के मासूम बेटे माधव की हत्या कर खुद भी आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
यह ख़बर जितनी दर्दनाक है। उतना ही सोचने पर मजबूर करने वाली भी। आख़िरकार एक मां, जो अपने बच्चे के लिए दुनिया से लड़ सकती है वह ख़ुद अपने हाथों से उसकी सांसें कैसे रोक सकती हैं?
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सोमवार पुलिस को सूचना मिली कि बाबूखेड़ा गांव में एक कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद है। जब परिवार वालों ने उसे खोलने की कोशिश की, तो कोई जवाब नहीं मिला। किसी अनहोनी के आशंका के बीच पुलिस और स्थानीय लोग दरवाज़ा तोड़कर अंदर पहुंचे। जो मंजर सामने था वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर सकता था।
मासूम माधव बेजान पड़ा था और उसकी मां दुर्गेश का शव पड़ा था। यह दृश्य जिसने भी देखा, उसकी आंखें नम हो गई।
पुलिस जांच में सामने आया है कि दुर्गेश के देवर की शादी उसके मामा की बेटी से तय हुई थी। जिससे वह नाराज़ थी। वह नाराज़गी कितनी गहरी थी कि उसने अपने जीवन को ही समाप्त करने का निर्णय ले लिया। लेकिन इस फैसले में उसने अपने मासूम बच्चे को भी साथ ले लिया। जो अभी ठीक से दुनिया को समझ भी नहीं पाया था।
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