त्रिवेणी संगम में केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान ने लगाई आस्था की डुबकी, सनातन संस्कृति की भव्यता को किया नमन।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि यह आयोजन केवल श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र नहीं , बल्कि भारतीय संस्कृति और जीवन दर्शन को विश्व पटल पर स्थापित करने वाला अवसर है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का हर क्षण सनातन परंपराओं की भव्यता को दर्शाता है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणादायक रहेगा।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार प्रयागराज।
प्रदेश के मंत्रियों ने भी किया पवित्र स्नान, एकता और श्रद्धा का दिया संदेश…..
धार्मिक नहीं, आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है महाकुंभ – केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान…..
त्रिवेणी संगम की पावन धरती पर महाकुंभ 2025 के अंतर्गत केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने श्रद्धा और आस्था के साथ स्नान किया। उन्होंने इसे सनातन सभ्यता, संस्कृति और शाश्वत परंपराओं की जीवंतता का प्रतीक बताया है। इस अवसर पर उन्होंने कहा है कि मां गंगा, मां यमुना, मां सरस्वती की दिव्य धाराओं में स्नान कर आशीर्वाद प्राप्त करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि भारत की आध्यात्मिक ऊर्जा और एकता का सबसे बड़ा संगम है।
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धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा है कि यह आयोजन केवल श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और जीवन दर्शन को विश्व पटल पर स्थापित करने वाला अवसर है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का हर क्षण सनातन परंपराओं की भव्यता को दर्शाता है। जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणादायक रहेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस आयोजन की भव्यता को विश्वस्तरीय बताया और कहा कि यह केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को सशक्त करने वाला मंच है…….
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रीगण भी उपस्थित रहें। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम, उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान, उच्चशिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, तथा परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर ने भी त्रिवेणी संगम पवित्र स्नान किया है। मंत्रियों ने मां गंगा का विधिवत पूजन कर राष्ट्र और जनकल्याण की कामना की।
मंत्री राकेश सचान ने कहा है कि महाकुंभ का यह आयोजन भारतीय संस्कृति की अखंडता और शक्ति का प्रतीक है। यह विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन हैं। जिसमें आस्था और भक्ति की अविरल धारा प्रवाहित होती है।
मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा है कि महाकुंभ का यह आयोजन भारतीय संस्कृति की अखंडता और यह आयोजन उनके लिए केवल स्नान का अवसर नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति के मूल तत्वों को आत्मसात करने का माध्यम भी है। पूरे विश्व को “वसुधैव कुटुंबकम्” का संदेश देता है।
मंत्री दयाशंकर ने कहा कि महाकुंभ 2025 ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए विशेष महत्व रखता है।
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