सुप्रीम कोर्ट ने एचआईवी दवाओं की ख़रीद की गुणवत्ता के बारे में केंद्र और राज्यों से जवाब मांगा।
सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने पीठ के समक्ष दलील दी है कि अब तक केवल चार राज्यों ने उनके द्वारा दायर हलफनामे पर अपना जवाब दिया है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने दावों की खरीद की प्रक्रिया और गुणवत्ता सहित कुछ मुद्दों को उजागर किया है। दलीलें सुनने के बाद पीटने कहा है कि सभी राज्यों को अपना जवाब दाखिल करने दें.........
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश में एचआईवी रोग के इलाज़ के लिए एंटी रेट्रो वाइरल थेरेपी दबाव के गुणवत्ता के बारे में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से जवाब मांगा है।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस अभय सो का और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ ने की। शीर्ष अदालत “एनजीओ नेटवर्क आफ पीपल लिविंग विद एचआईवी/ एड्स” और अन्य द्वारा 2022 में दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में एंटी रेट्रो वाइरल थेरेपी दबाव की आपूर्ति और गुणवत्ता पर चिंता जताई गई है। अरब थेरेपी में एचआईवी से संक्रमित लोगों का इलाज एंटी एचआईवी दवाओं का उपयोग करके किया जाता है।
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सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने पीठ के समक्ष दलील दिया कि अब तक केवल चार राज्यों ने उनके द्वारा दायर हलफनामे पर अपना जवाब दिया है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उन्होंने दवाओं की खरीद की गुणवत्ता सहित कुछ मुद्दों को उजागर किया है। दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, सभी राज्यों को अपना जवाब दाखिल करने दें…….
पीठ ने के केंद्र सरकार और राज्यों से सितंबर 2024 में, याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर हलफनामे पर 1 महीने के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई अप्रैल के पहले सप्ताह में निर्धारित किया है। पिछले साल जुलाई में केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि सरकार “राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण” कार्यक्रम के तहत एआरवी थेरेपी केंद्र के माध्यम से एचआईवी से पीड़ित सभी लोगों के लिए मुफ्त, आजीवन एआरवी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है।
कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्तर पर सभी एआरवी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है। याचिकाकर्ताओं के वकील ने याचिका दायर करने के बाद से हुए घटनाक्रमों का हवाला देते हुए तर्क दिया था कि वर्तमान में एआरटी दवाओं की कोई कमी नहीं है।
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