श्रमजीवी एक्सप्रेस बम विस्फोट कांड में दो आतंकवादियों को मृत्युदंड की सजा
सजा सुनाए जाने के बाद दोषी दोषियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में जिला जेल ले जाया गया।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार जौनपुर (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के सिंगरामऊ के हरपालगंज रेलवे स्टेशन के समीप हरिहरपुर क्रॉसिंग के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में 28 जुलाई 2005 को हुए बम विस्फोट के मामले में बुधवार को दोपहर बाद 4:15 पर अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय ने दोनों दोषी आतंकी बांग्लादेश निवासी हिलालुद्दीन उर्फ हिलाल व बंगाल निवासी नफी कल विश्वास को मृत्युदंड की सजा सुनाई।
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इसके साथ ही अलग-अलग धाराओं में जुर्माना भी लगाया गया। इस दौरान न्यायालय परिसर में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रही। सजा सुनाई जाने के बाद दोनो दोषियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में जिला जेल ले जाया गया। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत मे मंगलवार को सजा के बिंदु पर बहस हुई थी।
आपको बता दें , कि इस विस्फोट में 14 लोगों की मौत हुई थी। घटनास्थल पर 12 लोगों की मौत हुई थी। जबकि दो की मौत बाद में हुई थी और 62 लोग घायल हुए थे। आपको बता दें कि 28 जुलाई 2005 में सिंगरामऊ के हरपालगंज हरिहरपुर के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस में आतंकियों द्वारा किए गए बम विस्फोट में 14 लोग मारे गए थे और लगभग 62 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
ट्रेन में बम रखने वाले बांग्लादेशी आतंकी रोनी आलमगीर और साजिश रचने वाले आतंकी और औबैदुर्रहमान को साल 2016 में अपर सत्र न्यायाधीश बुधीराम यादव की अदालत में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। दोनों ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की है, जो कि वह विचाराधीन है।
शेष दोनों आरोपी बांग्लादेश के निवासी हिलालुद्दीन और पश्चिम बंगाल के नफीकुल को दोषी करार दिया गया। सजा के लिए 2 जनवरी 2024 की तिथि मुकर्रर की गई थी। लेकिन इस तिथि पर कोर्ट में दंड के प्रश्न पर सुनवाई करते हुए सजा की तिथि बुधवार यानी आज नियत की गई।
इस मामले में साल 2016 में दो आतंकियों को फांसी की भी सजा सुनाई जा चुकी है। हालांकि दोनों में हाईकोर्ट में अपील की है ,जो विचार अधीन है। 22 दिसंबर 2023 को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय की अदालत ने ट्रेन में बम रखने के आरोपी बांग्लादेश निवासी हिलालू ऊर्फ हिलालुद्दीन और विस्फोट में सहयोग करने वाले आरोपित नफीकुल विश्वास निवासी बंगाल को हत्या हत्या के प्रयास विस्फोट अधिनियम एवं अन्य धारों में दोषी करार दिया था। इसके बाद 2 जनवरी 2024 को सजा सुनाने की तारीख मुकद्दर की गई थी
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