श्रीलंका ने भारतीय मछुआरों को किया गिरफ़्तार, चली गोलियां, विदेश मंत्रालय ने चेताया।
घायल मछुआरों को देखने के लिए भारतीय काउंसलेट अधिकारी जाफना में अस्पताल पहुंचे और उनका हाल जाना। अब इस घटना के ऊपर भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर विरोध जताया है। इसके अलावा नई दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को आज सुबह विदेश मंत्रालय में बुलाया गया। इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज़ कराया गया है। साथ ही बयान में कहा गया है कि कोलंबो में भी भारत के उच्चायोग ने इस मामले को श्रीलंका सरकार के विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ )TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली ।
विदेश मंत्रालय ने चेताया है कि मंगलवार सुबह श्रीलंकाई नौसेना ने डेल्फ्ट द्वीप के पास से गुजर रहे भारतीय मछुआरों को पकड़ने के लिए गोलियां चलाई। इस दौरान श्रीलंकाई नौसेना ने 13 भारतीयों को पकड़ा है। गोलीबारी में दो मछुआरों को गंभीर चोटें आई हैं। जिन्हें इलाज के लिए जाफना टीचिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा 03 और मछुआरों को मामूली चोटें आई है। जो खतरे से बाहर हैं।
घायल मछुआरों को देखने के लिए भारतीय काउंसलेट अधिकारी जाफना में अस्पताल पहुंचे और उनका हाल जाना। अब इस घटना के ऊपर भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर विरोध जताया है। इसके अलावा नई दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को आज सुबह विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज़ कराया गया है। साथ ही बयान में कहा गया है कि कोलंबो में भी भारत के उच्चायोग ने इस मामले को श्रीलंका सरकार के विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है।
विदेश मंत्रालय ने सख्ती से कहा है कि भारत सरकार ने हमेशा मछुआरों से जुड़े मुद्दों को माननीय और मानवीय तरीके से निपटाने की जरूरत पर जोर दिया है। जिसमें कमाई संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखा गया है। किसी भी परिस्थिति में बल का इस्तेमाल स्वीकार्य नहीं है। इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच मौजूदा सहमति का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
यह पहली बार नहीं दोनों देशों के मछुआरे अक्सर मछली पकड़ने के लिए देश की समुद्र सीमा पार कर जाते हैं। भारत हमेशा से ऐसे मामलों में बाल के उपयोग का विरोध करता रहा और इस मुद्दे पर बनी मौजूद सहमति का सख्ती से पालन करने के पक्ष में रहा हैं।
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