सर्विस मैटर LG के अधीन, नई पॉलिसी बनने तक पहले की तरह हो बस मार्शल की नियुक्ति।
आरती जी ने कहा कि महिलाओं के लिए बस में सफर मुश्किल होता है। उनके साथ अभद्रता होती है इसी को रोकने के लिए 2015 से दो शिफ्ट में होम गार्ड्स और बस मार्शल तैनात थे। लेकिन 2023 को भाजपा ने अपने अफसर के जरिए साजिश कर अड़चन पैदा की और आखिरकार अक्टूबर 2023 में 10 मार्च को बस मार्शलों को हटा दिया गया।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार (नई दिल्ली)। आतिशी राजधानी दिल्ली में बसों से हटाए गए 10 हजार से ज्यादा मार्शलों बसों की नियुक्ति को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे को लेकर जमकर राजनीति भी हो रही है। इस बीच सूबे की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा है कि यह एक सर्विस और पब्लिक ऑर्डर का मामला है, जोकि दिल्ली के उपराज्यपाल के अधीन आता है। उन्होंने कहा कि एक साल से बेरोजगार घूम रहे इन बस मार्शलों की नियुक्ति को लेकर LG पॉलिसी बनाएं। नई पॉलिसी बनने तक इन सभी मार्शलों को पहले की तरह बसों में तैनात किया जाए, ताकि महिला और बुजुर्गों को बसों में सुरक्षा का माहौल मिल सकें।
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मु्ख्यमंत्री आतिशी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि 2015 में जब से अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने तभी से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कहीं कदम उठाए गए। सीसीटीवी, बस मार्शलों की नियुक्ति और महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम किया। आतिशी ने कहा कि महिलाओं के लिए बस में सफर मुश्किल होता है, उनके साथ अभद्रता होती है, इसी को रोकने के लिए 2015 से दो शिफ्टों में होमगार्ड्स बस मार्शल तैनात थे, लेकिन 2023 को बीजेपी ने अपने अफसर के जरिए साजिश कर अड़चन पैदा की और आखिरकार अक्टूबर 2023 में 10 मार्च बस मार्शलों को हटा दिया गया।
सीएम ने कहा कि पिछले 1 साल में यह बस मार्शल सड़कों पर संघर्ष कर रहे थे, हमारे मंत्री और विधायक उनके साथ खड़े रहे, डंडे खाए, आखिर में यह संघर्ष काम आया। केंद्र सरकार झुकी और 4 महीने के लिए इन मार्शलों को नियुक्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि इन बस मार्शलों के न होने की वजह से बसों में महिलाओं और बुजुर्गों को बहुत दिक्कत हुई है।
इसके आगे कम आतिशी ने कहा है कि रविवार 10 नवंबर को एक कैबिनेट बैठक हुई थी, जिसमें फैसला हुआ कि जो बस मार्शलों की पॉलिसी है, यह एक सर्विस और सुरक्षा कारण पब्लिक ऑर्डर मैटर है। यह दिल्ली सरकार नहीं बल्कि LG के अंदर आता है। ऐसा ट्रांसपोर्ट विभाग ने बताया तो सभी मंत्रियों ने LG को प्रस्ताव भेजा कि वह दो शिफ्टों में इन इन बस मार्शलों को नियुक्त करें।
आतिशी कहा, कि कल के बैठक में यह भी तय किया गया कि हो सकता है कि LG को नया प्रस्ताव बनाने में 6 महीने लग जाए। लेकिन तब तक महिलाओं की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है। एलजी तब तक के लिए अक्टूबर 2023 की तरह इन 10 हजार बस मार्शलों को नियुक्त करेगी। सीएम ने कहा है कि वह उम्मीद करती है कि एलजी साहब इस प्रताप पर मोहर लगाएं, ताकि उन्हें रोजगार मिले और महिला को सुरक्षा मिलें।
सीएम आतिशी ने यह भी कहा कि जो भी पॉलिसी बनाया जाए उसके जितने भी पैसे और बजट की ज़रूरत होगी वह दिल्ली सरकार देगी, यह हमारे सरकार का कमिटमेंट है। उन्होंने कहा कि अभी हम एलजी साहब के अप्रूवल का इंतजार कर रहे हैं। शुक्रवार को ही फाइल भेज दी गई थी। जैसे ही फाइल आएगी 2 दिनों में लागू कर दिया जाएगा।
वही दिल्ली सरकार में मंत्री कहा कि दिल्ली विधानसभा में सर्व समिति में यह तय हुआ है कि 3 अक्टूबर को बस मार्शलों की नियुक्ति के लिए उप राज्यपाल के पास जगाएंगे। APP विधायक और बस मार्शल इंतजार कर रहे लेकिन बीजेपी विधायक नहीं आए। पुलिस ने वहां डंडा भी चलाया। इसके आगे उन्होंने कहा कि 5 अक्टूबर को विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा और कहा कि दिल्ली सरकार प्रस्ताव पास करें वह एलजी से पास करायेंगे। हम विजेंद्र गुप्ता को लेकर एलजी के पास लेकर गए, उन्होंने कहा था कि एक सप्ताह में प्रस्ताव पास हो जाएगा, लेकिन नहीं हुआ। एलजी ने एक और गुलाटी मारी और कहा कि दोबारा प्रस्ताव भेजें।
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी ने बताया कि यह सर्विस मैटर है, तो मंत्रिमंडल ने कहा कि एलजी ही इस पर पॉलिसी बनाएं। लेकिन उनका काम करने का तरीका हमें पता है। सालों लग सकते हैं इसलिए वह जैसे पहले काम कर रहे थे वैसे काम करते रहे। एलजी उनको तुरंत बहाल करें। मंत्री ने कहा कि यह बहुत गरीब लोग हैं, कई लोग आत्महत्या तक कर चुके हैं, इनके ऊपर राजनीति मत करिए।