सांसद राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता मामला, हाई कोर्ट में केंद्र सरकार ने दाखिल किया जवाब।
कोर्ट ने एक बार खारिज कर दी थी याचिका, जुलाई माह में इसी याचिकाकर्ता की याचिका को हाईकोर्ट ने यह कह कर खारिज कर दिया था कि याचिकाकर्ता चाहे तो नागरिकता एक्ट के तहत समूह से प्राधिकारी के पास शिकायत कर सकता है। व्यक्तिगत रूप से हाई कोर्ट के सामने पेश होकर इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के दौरे नागरिकता के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ सोमवार सुनवाई हुई। दाखिल जनहित याचिका में मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई थी। वहीं, हाई कोर्ट ने नागरिकता एक्ट 1955 के तहत केंद्र सरकार के समक्ष अधिकारी से की गई शिकायत पर एक्शन का ब्यौरा तलब किया था। सनी के दौरान केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। अब अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।
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इससे पहले हुई सुनवाई में हाई कोर्ट के जस्टिस राजन राॅय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने कहा था कि हम पहले भारत सरकार का निर्णय जानना चाहेंगे। उन्होंने शिकायत पर क्या एक्शन लिया है? अतिरिक्त सॉलिसीटर सूर्यभान पांडेय को निर्देश दिया कि वह इस मामले में केंद्रीय ग्रह मंत्रालय से जानकारी हासिल करें। कोर्ट में याचिकाकर्ता कर्नाटक के एस. विग्नेश शिशिर ने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर दावा किया है कि उन्होंने ही जनहित याचिका दायर की है।
कोर्ट ने एक बार खारिज कर दी थी याचिका…………..
दरअसल, जुलाई माह में इसी याचिका करता की याचिका को हाईकोर्ट ने यह कहकर खारिज कर दिया था कि याचिका करता चाहता नागरिक एक्ट के तहत समक्ष प्राधिकारी के पास शिकायत कर सकता है।
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याचिकाकर्ता एस. विग्नेश शिशिर के मुताबिक, उनके पास सबूत है कि रायबरेली सांसद राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक है। इसके कारण वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं, ऐसे में उनके निर्वाचन रद्द किया जाए। शिशिर के मुताबिक, समक्ष प्राधिकारी को दो बार शिकायत के बात भी कोई एक्शन ना होने पर दोबारा याचिका दाखिल की गई। इसके बाद एस. विग्नेश शिशिर व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट के सामने पेश होकर इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी।