संभल की शाही जामा मस्जिद में यज्ञ करने पहुंचे हिंदू संगठन के लोग, प्रशासन के फूले हाथ पांव।

परिषद के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के सतीश अग्रवाल ने कहा कि वह अपने साथियों के साथ यहां पर यज्ञ करने आए थे। लेकिन प्रशासन में उन्हें रोक दिया और बंधक बना लिया। जबकि पुलिस फोर्स को भी तैनात कर दिया गया। जब वह विवादित धर्मस्थल नहीं पहुंच पाए तो एसडीएम कार्यालय पर ही यज्ञ किया। उन्होंने कहा कि वह अगले शुक्रवार को फिर संभल आएंगे और सीधे धर्मस्थल पर ही जाएंगे।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ )TV 9 भारत समाचार संभल (उत्तर प्रदेश )।

अखिल भारतीय हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने शाही जामा मस्जिद में हवन करने की जिद कर डाली। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने सभी लोगों को एसडीएम कार्यालय पर रोक लिया।

इसके बाद संगठन के लोगों ने एसडीएम कार्यालय पर  बैठकर हवन किया। आपको बता दें कि संभल की शाही जामा मस्जिद की हरिद्वार मंदिर होने को लेकर अदालत में मामला विचाराधीन है‌। तमाम हिंदू संगठन लगातार शाही जामा मस्जिद को हरिद्वार मंदिर होने का दावा कर रहे हैं।

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इसी कड़ी में शुक्रवार को अखिल भारतीय हिंदू परिषद के सदस्य दिल्ली से संभल पहुंचे। जहां प्रशासन ने उन्हें धर्म स्थल जाने से रोकते हुए एसडीएम कार्यालय पर ही बैठा लिया।

परिषद के पूर्व राष्ट्रीय सतीश अग्रवाल ने कहा कि वह अपने साथियों के साथ यहां पर यज्ञ करने आए थे। लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक लिया और बंधक बना लिया। जबकि पुलिस फोर्स को भी तैनात कर दिया गया है। जब वह विवादित धर्म स्थल नहीं पहुंच पाए, तो एसडीएम कार्यालय पर ही यज्ञ किया। उन्होंने कहा कि वह अगले शुक्रवार को फिर संभल आएंगे और सीधा धर्म स्थल पर ही जाएंगे।

वही परिषद के गोपाल दत्त शर्मा ने कहा कि हमारी मांग थी कि हरिद्वार मंदिर पर जाकर हमें भी पूजा करने दी जाएं। एसडीएम ने हमें यही बिठा लिया और कहा कि अभी 15 मिनट में आ रही हूं। वह एक डेढ़ घंटे बाद वापस आई। जब वहां नमाज़ खत्म हो गई। तब उन्होंने कहा कि आप वहां नहीं जा सकते। मामला संवेदनशील है। फिर हमने यही देवभूमि मानकर यही यज्ञ कर लिया। इस यज्ञ को करने के बाद हम घर वापस जा रहे हैं।

एसडीम डॉक्टर वंदना मिश्रा ने बताया है कि यह हिंदू महासभा के लोग नई दिल्ली से आए थे। इनका यह कहना था कि वह विवादित स्थल पर जाएंगे, और वहां हवन, पूजन और अर्चन करेंगे। हमारे द्वारा यह कहा गया है कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। आप यहां अपना पक्ष रखें। यदि न्यायलय द्वारा कोई आदेश दिया जाता है, तो हम सहयोग करेंगे। उनके द्वारा नमाज़ रोकने पर कहा कि इस बात को उन्होंने ज्ञापन में दिया है। इस बात को ऊपर तक पहुंचा दिया जाएंगा।

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