नीतीश के लाडले विधायक का बवाल: शिक्षक को धमकी, सीने पर पिस्टल रख दी गालियां

भागलपुर के जदयू विधायक गोपाल मंडल पर गंभीर आरोप, पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी

रिपोर्ट: अजय कुमार : भागलपुर : बिहार। बिहार की राजनीति में विवादों के लिए मशहूर जदयू विधायक गोपाल मंडल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन पर एक शिक्षक को धमकाने, उनके सीने पर पिस्टल रखने और गाली-गलौज करने के गंभीर आरोप लगे हैं। भागलपुर जिले के बरारी हाउसिंग कॉलोनी में हुई इस घटना के बाद पीड़ित शिक्षक सुनील कुमार कुशवाहा की शिकायत पर पुलिस ने विधायक समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

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जानिए क्या है पूरा मामला?

Ruckus of Nitish's dear MLA: Teacher threatened, chest on chest
शिक्षक सुनील कुमार कुशवाहा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह पिछले 13 वर्षों से बरारी हाउसिंग कॉलोनी में अपने मकान में रह रहे हैं। 12 फरवरी की सुबह विधायक गोपाल मंडल अपने सहयोगियों के साथ घर पहुंचे और गाली-गलौज करने लगे। उन्होंने सभी किरायेदारों को धमकाया और घर खाली करने के लिए मजबूर करने लगे।

शिक्षक का आरोप है कि विधायक ने उनके सीने पर पिस्टल सटा दी और धमकी दी कि “तुम्हारा समय पूरा हो गया है, घर खाली करो, नहीं तो पूरे परिवार को जान से मार देंगे।”

22 फरवरी को दोबारा दी धमकी

इसके बाद 22 फरवरी की सुबह विधायक गोपाल मंडल अपने समर्थकों के साथ फिर पहुंचे। इस बार उन्होंने फिर से गाली-गलौज और मारपीट की। विधायक के सहयोगी समरजीत उर्फ छोटू ने शिक्षक के सिर पर हथियार तानते हुए कहा, अभी तक घर खाली क्यों नहीं किया? सारा सामान बाहर फेंक देंगे।”

शिक्षक का आरोप है कि विधायक के बेटे धर्मेश कुमार ने भी उनके कनपट्टी पर पिस्टल रखकर 24 घंटे में घर खाली करने की धमकी दी। इतना ही नहीं, आरोपी बोले, “जहां जाना है जाओ, हम पर कोई हाथ नहीं डाल सकता।”

विधायक समेत पांच के खिलाफ केस दर्ज

शिक्षक की शिकायत पर बरारी थाना पुलिस ने विधायक गोपाल मंडल और उनके सहयोगियों— उदयकांत सिंह, आदित्य कुमार, समरजीत उर्फ छोटू और धर्मेश कुमार— पर केस दर्ज किया है।

पहले भी विवादों में रहे हैं विधायक

विधायक गोपाल मंडल पहले भी कई बार विवादों में रह चुके हैं। इससे पहले वह ट्रेन में अंडरवियर पहनकर घूमने, सत्ता का धौंस दिखाने और गंभीर विवादित बयान देने के लिए चर्चा में रहे हैं।

अब आगे क्या होगा?

पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। अब देखना होगा कि क्या विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई होती है या मामला राजनीतिक दबाव में ठंडे बस्ते में चला जाता है।

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