रतन टाटा ने इस अनजान शख्स के नाम किए 500 करोड़, रतन टाटा की वसीयत ने सबको चौंकाया।

रतन टाटा की वसीयत में एक नाम ने सबको चौंका दिया है। यह नाम मोहिनी मोहन दत्ता का है। दत्ता की रतन टाटा से पहली मुलाक़ात 1960 के दशक की शुरुआती साल में जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में हुई। रतन टाटा के साथ हुई मुलाक़ात ने दत्ता की जिंदगी बदल दी। उस समय, रतन टाटा 24 साल के थे। वहीं दत्ता अब अपनी उम्र के 80 के दशक में है। दत्ता ने अपने करियर की शुरुआत ताज ग्रुप के साथ की और उसके बाद स्टालिन ट्रैवल एजेंसी के नाम से खुद का वेंचर लॉन्च किया।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली। 

रतन टाटा ने इस  “अनजान शख्स” नाम किए

500 करोड़………

रतन टाटा की वसीयत ने सबको चौंका दिया है। रतन टाटा ने अपने वसीयत में एक ऐसे शख्स को 500 करोड़ रुपए से ज़्यादा देने का जिक्र किया हैं। जिनके बारे में दुनिया कम ही जानती हैं। यह जमशेदपुर के रहने वाले मोहिनी मोहन दत्ता है। जिन्हें रतन टाटा की संपत्ति में से 500 करोड़ रुपए से ज़्यादा मिलेंगे।

इकोनामिक्स टाइम की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रतन टाटा और मोहिनी मोहन दत्ता का नाता सालों पुराना है। हालांकि, कम ही लोग इस बारे में जानते हैं। वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता का नाम टाटा फैमिली के लिए भी सरप्राइज की तरह है।

यह भी पढ़ें – ठंड खत्म होने के बाद नगर निगम ने शुरू किया कंबल वितरण, बांटे जा रहे कंबलों की गुणवत्ता भी खराब

रतन टाटा की वसीयत में एक नाम ने सबको चौंका दिया है। यह नाम मोहिनी मोहन दत्ता का है। दत्ता की रतन टाटा से पहली मुलाक़ात 1960 के दशक की शुरुआती साल में जमशेदपुर में हुई। रतन टाटा के साथ हुई इस मुलाकात ने दत्ता की जिंदगी बदल दी।

उस समय, रतन टाटा 24 साल के थे। वहीं दत्ता अब अपनी उम्र के 80 के दशक में है। दत्ता ने अपने करियर शुरुआत ताज ग्रुप के साथ की। इसके बाद इटालियन ट्रैवल एजेंसी के नाम से खुद का वेंचर लॉन्च किया। जिसका 2013 में ताज ग्रुप आफ होटल्स की इकाई ताज सर्विसेज के साथ विलय हो गया।

6 महीने लगेंगे वसीयत को पूरा होने में…

मोहिनी मोहन दत्ता टाटा परिवार का हिस्सा नहीं है। इस वज़ह से भी उनके नाम की चर्चा हो रही हैं। फिलहाल वसीयत पर मोहिनी दत्ता का भी कोई बयान नहीं आया है। ना ही रतन टाटा के परिवार या करीबियों की तरफ से कोई बात कहीं गई हैं। आपको बता दें कि बचत की संपत्ति हाईकोर्ट की सर्टिफिकेशन के बाद ही बांटी जा सकेगी। इस प्रक्रिया के पूरा होने में 6 महीने लग सकते हैं। 

अपने देहांत से पहले रतन टाटा ने रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन की स्थापना की थी। इसका काम उनकी विरासत वितरित करना है। टाटा संस में रतन टाटा की कुल संपत्ति 0.83% थी। जिसकी वैल्यूएशन करीब 8 करोड़ रुपए आंकी गई थी। इसके अलावा, अलग-अलग स्टार्टअप आदि में उनका निवेश करीब 186 करोड़ रुपए है।

यह भी पढ़ें –कुशीनगर के पड़रौना में बनेगी नई चीनी मिल, डिस्टलरी एवं सीएनजी प्लांट, किसानो की सुधरेगी स्थिति सृजित होंगे नए रोजगार