पुलिस की लापरवाही पर कोर्ट सख्त, थाना प्रभारी पर जांच के आदेश।

पीड़िता ने गांव की ही रामू पर मारपीट और अभद्रता का आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस ने इसे आपसी विवाद बताकर मामला दर्ज नहीं किया। मेडिकल रिपोर्ट में महिला को चार गंभीर चोटें आने की पुष्टि हुई, फिर भी पुलिस टालमटोल करती रही।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ )TV 9 भारत समाचार सहारनपुर। 

नानौता थाना क्षेत्र के लंढौरा गांव में एक महिला से मारपीट और उसकी बेटी से अभद्रता के मामले में पुलिस की लापरवाही पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।

SC-ST एक्ट की विशेष कोर्ट के जज मोहम्मद अहमद खान ने थाना प्रभारी सचिन पूनिया को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए उनके ख़िलाफ़ धारा 4 (3) एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम में संज्ञान लिया हैं।

पीड़िता ने गांव के ही रामू पर मारपीट और अभद्रता का आरोप लगाया था। लेकिन पुलिस ने इसे आपसी विवाद बताकर मामला दर्ज़ नहीं किया।

मेडिकल रिपोर्ट में महिला को चार गंभीर चोटें आने की पुष्टि हुई है। फिर भी पुलिस टालमटोल करती रहीं।

3 महीने तक न्याय के लिए भटकने के बाद महिला ने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। कोर्ट ने थाना प्रभारी की संदिग्ध भूमिका मानते हुए एसएसपी को 1 महीने में जांच रिपोर्ट सौंपने और रामू पर उचित धाराओं में मुक़दमा दर्ज़ करने के आदेश दिए हैं।

कोर्ट ने इस आदेश के प्रति डीजीपी को भी भेजी है, जिससे अब पुलिस पर कार्यवाही का दबाव बढ़ गया है।

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