देशभर में पेंशन भोगियों और बुजुर्ग नागरिकों के लिए अच्छी ख़बर है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि यह अभियान पेंशन भोगियों और बुजुर्ग नागरिकों की सुविधा के लिए शुरू किया गया था। अब तक एक करोड़ डीएलसी बनाए जा चुके हैं। इससे बुजुर्गों के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती और तकनीक के माध्यम से उन्हें किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार …..केंद्रीय मंत्री ……

अब बैंक जाने की जरूरत नहीं होंगी और घर बैठे ही उनको पेंशन मिल जाएगी। इसके लिए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को बताया है कि देशभर में चल रहे विशेष अभियान के दौरान पेंशन भोगियों ने एक करोड़ डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) बनाए हैं। यह अभियान 1 से 30 नवंबर तक भारत के 800 शहरों और कस्बा में लगातार चलाया जा रहा है।

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एक करोड़ डीएलसी बनाए जा चुके…………..

केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि यह अभियान पेंशनभोगियों और बुजुर्ग नागरिकों की सुविधा के लिए शुरू किया गया था। और अब तक एक करोड़ डीएलसी बनाए जा चुके हैं। इससे बुजुर्ग के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती और तकनीक के माध्यम से उन्हें किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।

“2 लाख से अधिक 80 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग”………

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मन की बात’ के 116 वें एपिसोड में कहा था कि डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त करने वालों की संख्या अब 80 लाखों को पार कर गई है। जिम 2 लाख से अधिक 80 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग हैं।

फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग बढ़कर 202 गुना।

मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि इस अभियान के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल सशक्तिकरण विजन को को पूरा किया जा रहा है। डीएलसी अभियान 3.0 के तहत फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग बढ़कर 202 गुना हो गया है। संस्थाओं के चलाया जा रहा है अभियान। यह अभियान पेंशन वितरण करने वाले बैंक, पेंशन और पेंशन भोगी कल्याण विभाग, डाक विभाग और अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर सफलतापूर्वक चलाया जा रहा हैं।

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