परीक्षाओं में एक केंद्र पर रह सकेंगे अधिकतम 250 परीक्षार्थी, नकल रोकने के लिए कवायद।
अधिकारियों का कहना है कि कई बार मंडल में शिकायत मिली है कि केंद्रों पर परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होने के कारण परेशानी होती है। वह एक साथ बैठ जाते हैं और नकल होने लगती है। बेंच वेयर डेस्क पर जगह नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को नीचे बैठाया जाता था। जिससे समुचित निगरानी करना संभव नहीं हो पाता है।
मुकेश कुमार ( क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार भोपाल (मध्य प्रदेश)। माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्ध स्कूल में 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं आगामी 25 फरवरी से शुरू हो जाएंगी इन परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए माशिमं अपने प्रत्येक केंद्र पर अधिकतम ढाई सौ परीक्षार्थियों को ही शामिल करने के ही निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए प्रदेश में 4000 से अधिक केंद्रों की जरूरत पड़ेगी।
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माध्यमिक शिक्षा मंडल ने उन्हें स्कूलों को केंद्र बनाने के लिए कहा है जिनके पास फर्नीचर, पेयजल, शौचालय, बिजली, इंटरनेट ,सीसीटीवी कैमरों की सुविधा हो। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालिका अधिकरियों को केंद्र तय करने की जिम्मेदारी दी गई है। वह जिला शिक्षा अधिकारी और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के साथ प्रस्ताव केंद्रों जाकर स्वयं सुविधा देखेंगे। उनके अनुमोदन के साथ यह माध्यमिक शिक्षा मंडल को भेजा जाएगा। यहां से मंजूरी मिलने के ही परीक्षा केंद्रों पर मोहर लगेगी। बताया जा रहा है कि तौर पर 30 सितंबर तक केंद्रों का चयन कर लिया जाना था। लेकिन नए निर्देशन की वज़ह से इसमें देरी हो रही है। दिसंबर के पहले सप्ताह तक केंद्रों का चयन कर लेने की कोशिश हो रही है।
इस बार निजी स्कूलों में अधिक केंद्र…………..
अधिकारियों का कहना है कि कई बार मंडल में शिकायत मिली है कि केंद्रों पर परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होने के कारण परेशानी होती है। वह एक साथ बैठ जाते हैं और नकल होने लगती है।
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बेंच व डेस्क पर जगह नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को नीचे बैठाया जाता था, जिससे समुचित निगरानी करना संभव नहीं हो पता है। इस कारण इस बार निजी स्कूल में अधिक केंद्र बनाए जाएंगे।
इस बार मंडल उड़ानदस्तों को लेकर भी व्यवस्था में बदलाव कर रहा है। पिछली परीक्षा तक अलग-अलग स्तर पर उड़नदस्ते बनाए जाते थे। इनमें ब्लॉक लेवल, जिला स्तर पर डीईओ , संयुक्त संचालक सहित स्कूल शिक्षा अन्य अधिकारी भी उड़नदस्ते में शामिल होते हैं। इनमें से सभी पर निगरानी लेवल पर नहीं हो पाती थी। इस बार एप के जरिए मंडल खुद इसकी निगरानी करेगा।
कई जिलों से परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होने से नकल की संभावना बढ़ने की शिकायतें मिली थी। उसकी वजह से इस बार परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों की संख्या सीमित रखने का निर्देश दिए गए हैं। कम संख्या होने से निगरानी आसान होगी।
केडी त्रिपाठी, सचिव, माध्यमिक शिक्षा मंडल।