NCR में अभी ढील नहीं पर स्कूल खुलने का रास्ता साफ़, ज़हरीली हवा पर SC का बड़ा फ़ैसला।
सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम को तुरंत यह विचार करने को कहा है कि क्या स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों पर फिजिकल क्लास की छूट दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा है कि तथ्यों को ध्यान में रखकर फैसला लिया जा सकता है कि कुछ बच्चे मिड-डे-मील से वंचित हैं। कोर्ट ने कहा की बहू से स्टूडेंट के घर में एयर प्यूरीफायर नहीं है। इसलिए घर पर रहने वाले स्कूल में कोई खास फर्क नहीं है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार (नई दिल्ली)।
दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और AQI डाटा मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक एडल्ट इस बात को लेकर संतोष नहीं हो जाती है कि AQI में लगातार गिरावट है। हम स्टेज 3 या 2 में नहीं जा सकते हैं। हालांकि, कोर्ट ने स्कूलों को लेकर नरमी बरतते हुए कमिश्नर फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CQM) को इस पर फ़ैसला लेने को कहा हैं। फिलहाल दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-4 ही लागू रहेगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम को तुरंत से विचार करने को कहा है कि क्या स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों पर फिजिकल क्लास कि छूट दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि इन तथ्यों को ध्यान में रखकर फैसला लिया जा सकता है कि कुछ बच्चे मिड-डे-मील से वंचित है और ऑनलाइन क्लास के लिए जरूरी सुविधा है उनके पास उपलब्ध न हो।
कोर्ट ने कहा है कि बहुत से स्टूडेंट्स के घर में एयर प्यूरीफायर नहीं है, इसलिए घर पर रहने और स्कूल में कोई ख़ास फ़र्क नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि ग्रैप-4 को तब तक नहीं घटाया जाएगा जब तक एक्यूआई लगातार गिरावट का ट्रेंड ना दिखें। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को बुधवार तक एक्यूआई डाटा देने को कहा है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा ,”जब तक हम इस बात को लेकर संतोष नहीं हो जाएं की एक्यूआई में लगातार कमी आ रही है, हम GRAP- 3 या GRAP- 2 से कम के प्रतिबंध लगाने का आदेश नहीं दे सकते हैं। मामले के अगले समय बुधवार को होगी।
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इसके साथ ही कोर्ट ने सीएक्यूएम को श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों पर भी विचार करने को कहा है। राज्यों को निर्देश दिया गया हैं कि निर्माण कार्यों पर रोक के दौरान उनकी सहायता की जाएं। कोर्ट ने कहा है कि ‘सभी राज्य निर्माण पर प्रतिबंध के दौरान मजदूरों के जीवन निर्वाह के लिए लेबर सेस के रूप में एकत्रित धन का उपयोग करें।’