ममता बनर्जी ने आरजी कर रेप-मर्डर केस के दोषियों को सख़्त सज़ा देने की मांग की।

ममता बनर्जी ने कहा, "मैं आरजी कर अस्पताल में मारी गई बहन के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं। हम इस मामले में उचित सज़ा की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी इस घटना के विरोध में सड़कों पर उतरी थी। हमारी सरकार ने अपराजिता विधेयक पारित किया था। लेकिन यह अभी भी राष्ट्रपति के पास लंबित है।"

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार कोलकाता (पश्चिम बंगाल )।

पश्चिम बंगालक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल मामले की पीड़िता को अपनी बहन बताया और उनके माता-पिता के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

उन्होंने इस अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों का कड़ी सज़ा देने की मांग की है। जहां धोनो धन्यो ऑडिटोरियम में सीनियर, जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों की एक विशेष सभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने न्याय सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। साथ ही अपराजिता विधेयक पेश करने पर जोर दिया, जिसमें रेप के दोषियों को मृत्युदंड देने का प्रावधान है।

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ममता बनर्जी ने कहा, “मैं आरजी कर अस्पताल में मारी गई बहन के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं। हम इस मामले में उचित सज़ा की मांग करते हैं। उन्होंने कहा है कि मैं भी इस घटना के विरोध में सड़कों पर उतरी थी। हमारे सरकार ने अपराजिता विधेयक पारित किया था। लेकिन यह अभी भी राष्ट्रपति के पास लंबित है।

पिछले साल 9 अगस्त को कोलकाता के सरकारी अस्पताल में 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया। अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक ( पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन ) विधेयक, 2024 को पिछले सितंबर में पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा सर्वसंपत्ति से पारित किया गया।

इस विधेयक में बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्यु दंड का प्रावधान है। यदि इस अपराध के परिणाम स्वरुप पीड़िता की मृत्यु हो जाती है या वह अचेत अवस्था में चली जाती है।

उन्होंने कहा कि मैं अपने भाइयों को हमारी बहनों की सुरक्षा करने और भविष्य में ऐसे घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी सौंपती हूं। आज कोई, लैंगिक असमानता नहीं है, जो एक बहुत ही सकारात्मक विकास है। सरकार निश्चित रूप से अपना काम करेगी। लेकिन मेरा मानना है कि आप ( भाई ) इस मामले में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।

इस महीने की शुरुआत में तृणमूल कांग्रेस के कई सांसदों ने लंबित विधेयक पर चर्चा के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी। जिसे राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राष्ट्रपति कार्यालय भेजा था।

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