JK विधानसभा में जबरदस्त हंगामा, MLA सज्जाद गानी लोन ने किया वॉक आउट।।

स्पीकर ने अपने फैसले का बचाव करते हुए नियमों का हवाला दिया। उन्होंने कहा है कि नियम 187 के अनुसार अनुच्छेद 370 पर एक ही प्रस्ताव के 1 साल के भीतर चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती। 1987 की धांधली पर, यह तीर्थ की बात है और हाल ही में हुई घटना है और पीएसए और सत्यापन गृह मंत्रालय के पास है। जब तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता, तब तक इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार जम्मू कश्मीर। 

जम्मू कश्मीर विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को शुरू हुआ, लेकिन मंगलवार को सत्र के कार्यवाही में तुरंत ही गर्मा गर्मी देखने को मिली। विधायक सज्जाद लोन ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के मुद्दे को उठाया, जिससे सदन में बहस और हंगामा का दौर शुरू हो गया।

दरअसल, सज्जाद लोन ने उपराज्यपाल के अभिभाषण में अपने संशोधनों को अनुमति न दिए जाने पर विरोध जताया। यह संशोधन सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम , 1987 पीएसए चुनाव में धांधली और लोगों के पुलिस सत्यापन से संबंधित थे।

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एलजी के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होने के बाद, स्पीकर ने लोन के संशोधन को अस्वीकार कर  दिया। इससे नाराज़ होकर हंदवाड़ा के विधायक सज्जाद लोन ने विरोध जताया और स्पीकर को समझाने की कोशिश की। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।

स्पीकर ने अपने का बचाव का करते हुए नियमों का हवाला दिया। उन्होंने कहा है कि नियम 187 के अनुसार, अनुच्छेद 370 पर एक ही प्रस्ताव के 1 साल के भीतर चर्चा की अनुमति दी जा सकती है। 1987 की धांधली पर, यह अतीत की बात है और हाल ही में हुई घटना है। सत्यापन गृह मंत्रालय के पास है, और जब तक राज्य का दर्ज़ा बहाल नहीं हो जाता, तब तक इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है।

स्पीकर के इस जवाब से असंतुष्ट होकर सज्जाद लोन विरोध में वॉक आउट कर दिया। उन्होंने कहा, पिछले सत्र में पारित प्रस्ताव में विशेष दर्जे का उल्लेख किया गया था और अनुच्छेद 370 का उल्लेख नहीं किया गया था। जिसे मैंने उठाया है। विशेष दर्जा केंद्रशासित प्रदेश भी हो सकता है। अपने चुनाव घोषणा पत्र में, अपने पीसीए को खत्म करने का उल्लेख किया था। लेकिन एक बार आप सरकार में आ गए तो आपने कहा कि आपके हाथ में नहीं, बल्कि गृह मंत्रालय के हाथ में है।

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