ज़मीन बचाने के लिए उज्जैन में सड़कों पर किसान, प्रधानमंत्री मोदी से लगा रहे हैं गुहार।

उज्जैन सिंहस्थ 2028 को देखते हुए कम मोहन यादव ने इस बार संघर्ष मेला क्षेत्र को विकसित करने का जो स्थाई प्लान तैयार किया है। उसके तहत हर 12 वर्षों में सिंहस्थ मिले के लिए करोड़ों रुपए खर्च के अस्थाई निर्माण नहीं बनाने पड़ेंगे। क्योंकि पहले से ही यहां स्थाई निर्माण करवा दिए जाएंगे। लिहाजा में स्थाई निर्माण के लिए उज्जैन विकास प्राधिकरण ने 1806 किसने की जमीन को लैंड पूलिंग किया है। जिस पर हाईटेक कुंभ सिटी बनाने की तैयारी में हैं।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार इंदौर (मध्य प्रदेश )।

सिंहस्थ का महाकुंभ की तैयारी पहले ही उज्जैन में कुंभ नगरी बसाने के लिए स्थाई रूप से ली जा रही है। जमीनों की अधिग्रहण प्रक्रिया को लेकर विरोध शुरू हो गया है। राज्य सरकार उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा सिंहस्थ मेला क्षेत्र की 2378 हेक्टेयर ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएंगा। जिसे लेकर ज़िला प्रशासन और सैंकड़ों किसान आमने-सामने आ गए हैं। 

2 हज़ार करोड़ की लागत से बनेंगी कुंभ नगरी…………..

सिंहस्थ 2028 के पहले राज्य सरकार करीब 2000 करोड़ रुपए की कुंभ नगरी बसाने की योजना तैयार की है। इस योजना के तहत कुंभ मेला क्षेत्र में शिप्रा नदी के किनारे स्थित रोड, मुरलीपुरा और मंगल नाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र के करीब 15000 बीघा से ज्यादा ज़मीन आ रही है। इस जमीन पर पहले ही सरकार ने स्थाई निर्माण पर प्रतिबंध लगा रखा है। जिस कारण उज्जैन नगर निगम और लोगों के बीच कहीं बार झड़प भी हो चुकी है।

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उज्जैन सिंहस्थ 2028 को देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस बार सिंहस्थ मेला क्षेत्र को विकसित करने का जो स्थाई प्लान तैयार किया है। उसके तहत हर 12 वर्षों में सिंहस्थ मेले के लिए करोड़ों रुपए खर्च के अस्थाई निर्माण नहीं बनाने पड़ेंगे। क्योंकि पहले से ही यहां स्थाई निर्माण करवा दिए जाएंगे। लिहाज़ा इन स्थान निर्माण के लिए उज्जैन विकास प्राधिकरण ने 1806 किसानों की ज़मीन को लैंड पूलिंग किया है। जिस पर हाईटेक कुंभ बनाने की तैयारी में है।

किसानों से ले जाएंगी 50% भूमि……………

राज्य सरकार के लैंड पूलिंग स्कीम में 50% भूमि किसान से ली जाएंगी। जिसमें 25% भूमि में रोड, सेंटर लाइटिंग, स्ट्रांर्म वाटर ड्रेन, सीवर और वाटर लाइन सहित अंडरग्राउंड विद्युत लाइन निर्माण होंगा। 5% भूमि पर पार्क बच्चों के लिए झूले और स्लाइड, आम पब्लिक के लिए वॉकिंग पाथ वे, ओपन जिम विकसित किया जाएंगा। 5% भूमि पर आम जन की सुविधा हेतु पार्किंग, जन सुविधा केंद्र, हॉस्पिटल, स्कूल, विद्युत सब स्टेशन आदि निर्माण किया जाएंगा। जो सिंहस्थ मेले के लिहाज़ से उपयोगी साबित होंगा।

किसानों ने स्थाई निर्माण का किया विरोध………….

सिंहस्थ किसान संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा, ” हम लोग सिंहस्थ के लिए परंपरागत रूप से ज़मीन देने के लिए तैयार है, लेकिन लैंड पूलिंग स्कीम में अपनी ज़मीन नहीं देंगे। हम लोगों की लैंड पूलिंग स्कीम में पुश्तैनी आदि ज़मीन ली गई है। लेकिन मुआवजा के तौर पर कुछ नहीं मिल रहा है। सिंहस्थ क्षेत्र में किसानों को घर, पशुओं के लिए बाड़े, और फसल रखने के लिए वेयर हाउस तक नहीं बनने दिया गया। अब स्थाई निर्माण क्यों? स्थाई निर्माण के बाद साधु-संतों को स्थान कहां दिया जाएगा? यह सब तय नहीं है। अब हम लोग इस मामले की जानकारी भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज रहे हैं।

किसानों के प्रदर्शन को देख एसडीएम एल एन गर्ग ने मौके पर पहुंच कर ज्ञापन लिये। उन्होंने कहा कि किसानों से विधिवत बातचीत की गई है। किसानों की मांग है कि उज्जैन विकास प्राधिकरण की जगह सिंहस्थ मेला प्राधिकरण कार्य करें। पुराने सिंहस्थ के तहत ही अधिग्रहण हो। उनकी मांगों से मुख्यमंत्री और कलेक्टर को अवगत कराया जाएंगा। इसके बाद जो भी ड्राफ्ट तैयार होंगी किसानों को बता दिया जाएंगा।

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