हाई कोर्ट ने संभल जामा मस्जिद को साफ कराने का दिया आदेश, रंगाई-पुताई पर सुनवाई 4 मार्च को।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कक्ष खस्ता हालत में है। खासकर छत जो लकड़ी के छप्पर से भी बनी है। उन्होंने बताया है कि एएसआई की संरक्षण और विज्ञान शाखाएं संबंध में विषय रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। जहां तक ध्यान रख रखाव यानी सफाई धूल हटाना और स्मारक के आसपास की घास फूस को हटाने का सवाल है। मस्जिद में रंगाई-पुताई की आवश्यकता है, जो वार्षिक गतिविधि है। उन्होंने आश्वासन दिया की सफाई के दौरान कोई बात उत्पन्न नहीं होंगी।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार प्रयागराज (उत्तर प्रदेश )।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एएसआई को संभल जामा मस्जिद परिसर की साफ सफाई करने का निर्देश दिया है। लेकिन रंगाई-पुताई के लिए आदेश नहीं दिया गया है। कोर्ट ने मस्ज़िद की इंतजामियां कमेटी को अगले सुनवाई तक आपत्ति प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही अगली सुनवाई के लिए 4 मार्च की तारीख लगाई है। 

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने संभल जामा मस्जिद की इंतजामियां कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को दिया है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान, एएसआई ने रिपोर्ट प्रस्तुत की है। एएसआई के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने बताया है कि निरीक्षण रिपोर्ट के साथ शपथ पत्र सोमवार तक ई- फाइल किया जाएंगा। उन्होंने बताया कि मस्जिद के मुतवल्ली की उपस्थिति में निरीक्षण किया गया।

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निरीक्षण में पाया गया है कि मस्जिद के अंदरूनी हिस्से को सोने, लाल, हरे और पीले जैसे रंगो के साथ मोटी परतों मैं एनिमल पेंट से पेंट किया गया है। जो स्मारक की मूल शतक को छुपा रहा था। निरीक्षण में यह बात भी सामने आई है कि आधुनिक एनामेल पेंट अभी अच्छी स्थिति में है। प्रवेश द्वार के साथ प्रार्थना हॉल के पीछे और उत्तर की ओर स्थित कक्ष में कुछ खराब होने के संकेत हैं। इसके अलावा द्वारका लिंटल खराब हो गया है। जिसे बदलने की आवश्यकता है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि कक्षा खस्ता हालत में है। खासकर छत जो लकड़ी के छप्पर से भी बनी है। उन्होंने बताया है कि एएसआई किस संरक्षण और विज्ञान शाखा इस संबंध में विशेष रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। जहां तक दैनिक रखरखाव यानी सफाई, धूल हटाना, और स्मारक के आसपास की घास फूस को हटाने का सवाल है। एएसआई का कार्य करेगा बशर्ते मस्जिद की इंतज़ामियां कमेटी एएसआई को ऐसा करने में कोई बाधा न डालें। इस पर इंतजामियां कमेटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कहा कि कमेटी केवल पुताई और रोशनी की व्यवस्था करना चाहती है।

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दूसरी और राज्य सरकार के अधिवक्ता अजय मिश्रा ने कहा है कि कानून और व्यवस्था बनाए रखी जाएंगी। एडवोकेट हरिशंकर जैन ने भी शपथ पत्र दाखिल करने के लिए मंगलवार तक का समय मांगा। कोर्ट में इंतजामिया या कमेटी जैन शंकर को आपत्ति और शपथ पत्र के लिए समय देते हुए कहा कि एएसआई मस्जिद के आस-पास के दैनिक रख रखाव यानी सफाई, धूल हटाने और घास फूस को हटाने का कार्य तुरंत करेगा।

मस्जिद की इंतजामियां कमेटी से अपेक्षा की जाती है कि वह कोई बाधा नहीं पहुंचाएगी। एएसआई के कार्य में सहयोग करेगी। इसके अलावा, यह स्पष्ट किया जाता है कि एएसआई द्वारा सफाई का कार्य किया जा रहा होगा तो प्रशासन का कोई भी व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं करेगा। कोर्ट ने पूर्व में पारित अंतरिम आदेश को भी अगली सुनवाई तक बढ़ा दिया है। इससे पहले गुरुवार को कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को तीन अधिकारियों की कमेटी बनाकर संभल में जामा मस्जिद का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था। कमेटी मैं मेरठ परिक्षेत्र के संयुक्त महानिदेशक मदन सिंह चौहान, निदेशक स्मारक जुल्फिकार अली, अधीक्षक पुरातत्वविद विनोद सिंह रावत और मस्जिद के मुतवल्ली भी शामिल थे। कोर्ट ने कमेटी को शुक्रवार सुबह 10:00 बजे तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

मुसलमानों की ज़मीन पर बनी मस्ज़िद…………

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद की रंगाई पुताई को लेकर कहा था कि जामा मस्जिद सरकारी ज़मीन पर बनी हुई है। अगर हाईकोर्ट एएसआई के साथ अपना कोई सदस्य नियुक्त करती तो रिपोर्ट उनके पक्ष में आती। उन्होंने कहा है कि जो मस्जिद है रंगाई-पुताई कोई बड़ी चीज नहीं है। मस्जिद , मंदिर या घर को एक रूटिंग के हिसाब से रंगाई पुताई होती है। मस्जिद में हमेशा रमज़ान के हिसाब से वहां जरूरत थी। इसीलिए रंगाई-पुताई कराई जा रही थी। हम लोग कानून को मानने वाले हैं। उम्मीद है कि यदि कोर्ट ने फैसला दिया है उसके ख़िलाफ़ दूसरी जगह जा सकते हैं। हाई कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं।

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