गोबर से गुलाल बनाने वाली प्रदेश की प्रथम गौशाला बनीं, “कान्हा उपवन गौशाला” ।

नगर आयुक्त संजय चौहान ने बताया है कि नगर निगम द्वारा संचालित श्री शाकुंभरी कान्हा उपवन गौशाला आईएसओ प्रमाणित है। आत्मनिर्भर बनने के लिए देश-विदेश में अपने नवाचारों के लिए जानी जाती है। गोबर से अनेक उत्पाद बनाने के अलावा इको फ्रेंडली पेंट बनाने के बाद अब कान्हा गौशाला द्वारा गोबर से गुलाब तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि यह गुलाल प्राकृतिक एवं इको फ्रेंडली है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार सहारनपुर। 

नगर निगम द्वारा संचालित कान्हा उपवन गौशाला ने होली पर्व को और खुशनुमा बनाने के लिए गोबर से  “प्राकृतिक गोमय गुलाल” तैयार किया गया है।

सहारनपुर की कान्हा उपवन गौशाला प्रदेश की पहली गौशाला है। जिसके द्वारा गोबर से गुलाल बनाया गया है। गोबर से निर्मित यह गुलाल होली खेलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के नगर विकासमंत्री ए. के. शर्मा को भेजा जाएंगा।

नगरायुक्त संजय चौहान ने आज निगम अधिकारियों के साथ गौशाला पहुंचकर गुलाल बनाए जाने की प्रक्रिया का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए गए।

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नगरायुक्त संजय चौहान ने बताया है कि नगर निगम द्वारा संचालित श्री शाकुंभरी कान्हा उपवन गौशाला आईएसओ प्रमाणित है और आत्मनिर्भर बनने के लिए देश-प्रदेश में अपने नवाचारों के लिए जानी जाती हैं।

गोबर से अनेक उत्पाद बनाने के अलावा, इको फ्रेंडली पेंट बनाने के बाद अब कान्हा गौशाला द्वारा गोबर से गुलाल तैयार किया गया है।

उन्होंने बताया है कि यह गुलाल प्राकृतिक एवं इको फ्रेंडली है। कान्हा उपवन गौशाला प्रदेश की पहली गौशाला है, जिसके द्वारा गोबर से गुलाल तैयार किया गया है।

उन्होंने बताया कि गोबर से निर्मित यह गुलाल होली खेलने के लिए माननीय प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री को भी भेजा जाएंगा।

गौशाल के वरिष्ठ प्रभारी, मुख्य अभियंता निर्माण बी.के. सिंह ने बताया है कि गौशाला द्वारा गोबर से जो गुलाल तैयार किया जा रहा है, उसमें गोबर का पाउडर, अरारोट, इत्र, फलों के रंग, चुकंदर, पालक और हल्दी आदि का प्रयोग किया जा रहा हैं।

इसमें कोई केमिकल नहीं है। यह उच्च गुणवत्ता का प्राकृतिक गुलाल है। उन्होंने बताया है कि  “प्राकृतिक गोमय गुलाल” चार रंगों गुलाबी, हरा, पीला और नीले रंग में बनाया जा रहा है।

गौशाला प्रभारी व निगम के पशु चिकित्सा कल्याण अधिकारी डॉ संदीप मिश्रा ने बताया कि इस गुलाल के उपयोग से त्वचा को कोई हानि नहीं होंगी।

उन्होंने बताया है कि एग्जिमा और सोरायसिस आदि अनेक स्क्रीन रोगों का पंचगव्य द्वारा जो प्राकृतिक उपचार किया जाता है, उसे पंचगव्य का मूल आधार गोबर ही रहता है।

उन्होंने बताया है कि गौशाला द्वारा निर्मित यह गुलाल नगर निगम में स्टॉल पर उपलब्ध कराने के साथ बाजार में ऑनलाइन भी उपलब्ध करा जाएंगा।

यह गुलाल 100 ग्राम, 250 ग्राम, 500 ग्राम के पैकेट में उपलब्ध रहेगा।

इस दौरान अपर नगरायुक्त राजेश यादव, महाप्रबंधक जल पुरुषोत्तम कुमार, एई रतन पांडेय साहित्य अनेक अधिकारी मौजूद रहें।

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