शिक्षामित्रों का संवाद कार्यक्रम: यूपी सरकार से की समस्याओं के समाधान की गुहार
पडरौना बीआरसी में शिक्षामित्रों का संवाद कार्यक्रम हुआ आयोजित, कुशीनगर के शिक्षामित्रों ने अपनी पीड़ा रखी, सरकार से की समाधान की अपील
अखिलेश द्विवेदी : पडरौना, कुशीनगर। शिक्षामित्रों की समस्याओं को उजागर करने और उनके समाधान के लिए हिंदुस्तान प्रेस के तत्वावधान में पडरौना बीआरसी पर एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम हिंदुस्तान अखबार के वरिष्ठ संवाददाता मनोज पासवान, संतोष वर्मा और गंगेश्वर त्रिपाठी द्वारा संपन्न हुआ।
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इस संवाद कार्यक्रम में कुशीनगर शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष कैलाश जायसवाल और महिला प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष पूनम मिश्रा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों ने भाग लिया। शिक्षामित्रों ने मंच से अपनी-अपनी समस्याओं को खुलकर रखा और **उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से अखबार के माध्यम से अपनी पीड़ा के समाधान की अपील की।
शिक्षामित्रों की यह है प्रमुख मांगें
1. स्थायी नियुक्ति और वेतनमान में वृद्धि।
2. नौकरी की सुरक्षा को लेकर ठोस निर्णय।
3. सरकारी शिक्षक के समान अधिकार और सुविधाएँ।
4. आर्थिक असुरक्षा को दूर करने के लिए ठोस नीतियाँ।
महत्वपूर्ण शिक्षामित्र नेता रहे मौजूद
इस संवाद कार्यक्रम में जिले भर के कई प्रमुख शिक्षामित्र नेता और पदाधिकारी शामिल हुए, जिनमें राजकुमार पाण्डेय (पूर्व जिलाध्यक्ष), गोविंद यादव (पूर्व जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष), अमिरूल हसन (पूर्व जिला उपाध्यक्ष), अमित मिश्रा (वरिष्ठ शिक्षामित्र नेता), सुबोध सिंह (ब्लॉक अध्यक्ष, फाजिलनगर), अजीत राय, विक्रम गुप्ता, उमेश पाठक (ब्लॉक महामंत्री), नर्बदा सिंह (जिला उपाध्यक्ष), शालू सिंह (ब्लॉक अध्यक्ष), रंजना गौतम, सत्या तिवारी, सत्येंद्र तिवारी, संतोष चौहान, जयकरन कसौधन (जिला मंत्री) के अलावा भी कई शिक्षामित्र साथी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और अपनी आवाज बुलंद की।
मुख्यमंत्री से समाधान की अपील
शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से अपील की कि वे उनकी समस्याओं पर ध्यान दें और कोई ठोस समाधान निकालें। उन्होंने कहा कि वर्षों से वे संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है। शिक्षामित्रों का कहना है कि सरकार को उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, ताकि उन्हें भी एक सुरक्षित भविष्य मिल सके।
संवाद कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षामित्रों ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया और मीडिया के जरिए सरकार तक अपनी आवाज पहुँचाने की कोशिश की। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और कितनी जल्दी शिक्षामित्रों की समस्याओं का कोई स्थायी समाधान निकल पाता है।
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