हत्याहरण तीर्थ में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर की सभी कष्टों से मुक्ति की कामना

भाद्र पक्ष का अंतिम रविवार होने से उमड़ी श्रद्धालुओं की आस्था, रहा मेले सा माहौल

हरदोई। पौराणिक स्थल हत्या हरण तीर्थ में श्रद्धालुओं ने भाद्र पक्ष के अंतिम रविवार को डुबकी लगाई। भक्तों और साधुसन्त पूरे देश से पूरे उत्साह व आस्था के साथ तीर्थ पहुंचकर डुबकी लगाकर अपने कष्टो को दूर होने की कामना करते हैं हैं। तीर्थ सरोवर में स्नान कर पूजा अर्चना कर मेला का भ्रमण करते हैं। भाद्रपद का अंतिम रविवार होने के चलते मेलिसा माहौल दिखा, हर कोई एक डुबकी लगाने के लिए व्याकुल था

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नैमिषारण्य की परिधि में पौराणिक हत्याहरण तीर्थ में भाद्र पक्ष में प्रत्येक रविवार को पूरे देश से श्रद्धालु पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाते हैं। जिससे उनके जीवन के कष्ट दूर होते हैं। इस विश्वास से सीताराम को नमन करते हैं। तीर्थ परिसर में श्री राम जानकी मंदिर, शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, दुर्गा मंदिर, काली मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं।

वर्ष में दो बार कार्यक्रम होते हैं। चौरासीकोसी परिक्रमा के समय मेंला का आयोजन होता है। दूर दराज से साधु संत भक्त पड़ाव में पहुंचकर भक्ति भाव में डूब जाते हैं।

मान्यता है त्रेता युग में भगवान राम ने रावण का वध कर इस तीर्थ में स्नान किया था, तभी हत्या हरण के कारण इस का नाम हत्याहरण पड़ गया। आध्यात्मिक शक्ति मिली थी। सूर्य की किरणों से जल प्रकट हुआ था। इसका नाम प्रभाकर कुण्ड पड़ा हैं।

लोगों की मान्यता है कि दर्शन व तीर्थ करने से उनके जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवान सीता राम का नाम लेने से मनुष्य के कष्ट दूर होते हैं। भीड़ को ध्यांगत रखते हुए पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहती है।

दर्शनार्थियों ने बताया प्रशासन द्वारा यह तीर्थ काफी उपेक्षित है। पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है। मोटर खराब होने व तीर्थ से जल निकासी की कोई व्यवस्था न होने के कारण गंदे जल में स्नान करना पड़ता है।

मोटर खराब होने के कारण जल नहीं भरा गया है। दूषित व काईयुक्त जल से स्नान व आचमन करना मजबूरी है। दो इंडिया मार्का नल खराब पड़े हैं। साफ सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं है।

सामुदायिक शौचालय में केयरटेकर नदारद रहते हैं। कई कार्य अभी अधूरे पड़े हैं। गेट का निर्माण, बाउंड्री आदि का कार्य अभी अधूरा पड़ा है। साफ सफाई व्यवस्था अच्छी नहीं है। परिसर की काफी भूमि पर धीरे-धीरे अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य हो गया है। पुजारी विनोद कुमार ने बताया यहां श्रद्धालु पूरे देश से आते हैं। इस तरह के आयोजन से भारतीय संस्कृति का दर्शन होता है।

पुरुष महिलाएं बच्चे संत जाति धर्म भूलकर एक दूसरे से भक्ति भावना से आपसी प्रेम भाव से जुड़ते हैं। सभी कष्टो को भूलकर आस्था में डूब जाते हैं। तीर्थ में स्नान व दर्शन कर नई ऊर्जा का संचार होता है। सीसीटीवी कैमरा न लगे होने के कारण श्रद्धालुओं का सामान मोबाइल अराजकतत्वों द्वारा चोरी की घटना प्रकाश में आई है।
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