दहेज़ हत्या में सास-ससुर और पति को फांसी की सज़ा, बरेली फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाया फैसला।
हज़रत मोहम्मद साहब का कथन है कि, मुस्लिम समाज में निकाह एक बहुत ही पुण्य कार्य माना गया है। मुस्लिम विधि की प्रसिद्ध पुस्तक रघुल मोहतार में यह कहा गया है कि बाबा आदम के समय से आज तक हम लोगों के लिए रखा गया और जन्नत में भी होने वाला कोई ऐसा इबादत का कार्य नहीं है सिवाय निकाह और इमान के। मुस्लिम और ईसाई समाज में बाबा आदम को बड़ा महत्व दिया गया है। हजरत आदम जी ने बाबा आदम भी कहा जाता है। इस्लाम तथा ईसाई धर्म में मानव जाति का आदि पुरुष अर्थात प्रथम मानव माना जाता है और यह भी माना जाता है कि समस्त मानव जाति की उत्पत्ति बाबा आदम से ही हुई है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार बरेली (उत्तर प्रदेश )।
फास्ट ट्रैक कोर्ट बरेली के जज रवि कुमार दिवाकर ने कविताओं का वर्णन करते हुए दहेज हत्या के एक मामले में पति और सास-ससुर को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है।
उन्होंने अपने आदेश में लिखा कि, “शायद पत्नी के गुणों से ज़्यादा, उसे पति को भी पैसों से प्यार था, दहेज में आई गाड़ी, घोड़ों का यह लालच, उसे पति में भी बेशुमार था, लालच की हद उन्हें, इस मुकाम पर ले आई थी, उस मासूम प्यारी बहू पर, गंडासे की धार चलाई थी।”
बरेली के थाना नवाबगंज के ग्राम जोराजय नगर में 1 मई, 2024 को एक विवाहित महिला के पति और सास-ससुर ने गंडासे से गला काटकर निर्मम हत्या कर दी थी। आज फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम जज रवि कुमार ने तीनों को फांसी की सज़ा सुनाई है। इसके अलावा, 5 लाख, 40 हज़ार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। जज ने अपने निर्णय में तीन कविता का उल्लेख किया है।
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हज़रत मोहम्मद साहब का कथन…..
हज़रत मोहम्मद साहब ने कहा है कि निकाह मेरी सुन्नत है, जो लोग जीवन के इस ढंग को नहीं अपनाते हैं वह मेरे अनुयायी नहीं है। मुस्लिम समाज में निकाह को एक बहुत ही पुण्य कार्य माना गया है। मुस्लिम विधि की प्रसिद्ध पुस्तक रघुल मोहतार में यह कहा गया है कि बाबा आदम के समय से आज तक हम लोगों के लिए रखा गया और जन्नत में भी होने वाला कोई ऐसा इबादत का काम नहीं है, शिवाय निकाह और इमान के।
मुस्लिम एवं ईसाई समाज में बाबा आदम को बड़ा महत्व दिया गया है। हजरत आदम जिन्हें बाबा आदम भी कहा जाता है। इस्लाम तथा ईसाई धर्म में मानव जाति का आदि पुरुष अर्थात प्रथम मानव माना जाता है और यह भी माना जाता है कि समस्त मानव जाति की उत्पत्ति बाबा आदम से ही हुई है।
ऐसा माना जाता है कि खुदा को सारी सृष्टि अर्थात पशु-पक्षी, फरिश्ते, देव, जिन्न आदि रचना के बाद भी संतोष नहीं हुआ। तब खुदा ने अपनी आकृति के समान एक प्राणी बनाने का निश्चय किया। मिट्टी को पानी में सानकर खुदा ने एक पुतला बनाया, और उसमें आत्मा डालकर मानव उत्पन्न किया और उसे रहने के लिए जन्नत में जगह भी दे दी। यही हज़रत आदम अर्थात बाबा आदम कहलाएं।
सहायक ज़िला शासकीय अधिवक्ता दिगंबर सिंह ने बताया कि आज फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने एक दहेज हत्या के मामले में सास-ससुर और पति को फांसी की सजा सुनाई है। इस मुकदमे में आठ गवाहों को पेश किया गया था। कोर्ट के ऑर्डर में तीन कविताओं का उल्लेख किया गया हैं।
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