सीएम धामी ने परिवार संग संगम में लगाई डुबकी, बोले हरिद्वार कुम्भ 2027 होगा ऐतिहासिक

प्रयागराज की तरह भव्य होगा हरिद्वार महाकुंभ : मुख्यमंत्री धामी

दिनेश चंद्र मिश्रा
महाकुम्भनगर। महाकुंभ के पावन अवसर पर श्रद्धा और आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पुण्य लाभ के लिए संगम तट पर स्नान कर रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी अपने परिवार के साथ पहुंचे और त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर मां गंगा, यमुना और सरस्वती का आशीर्वाद लिया।

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महाकुम्भ में पहुँच कर स्नान करने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि संगम में आस्था की डुबकी लगाना अपने आप में एक अनमोल आध्यात्मिक अनुभव है। उन्होंने 2027 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ की भव्य तैयारियों का जिक्र करते हुए कहा कि इसे प्रयागराज की तरह ऐतिहासिक और सुविधाजनक बनाया जाएगा। सरकार श्रद्धालुओं की हर जरूरत को ध्यान में रखते हुए इस आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

धामी ने दिखाया पारिवारिक अंदाज, बच्चों के साथ की मस्ती

संगम स्नान के दौरान मुख्यमंत्री धामी अपने पारिवारिक अंदाज में भी नजर आए। वे अपने बच्चों के साथ संगम की लहरों में खेलते और हंसी-ठिठोली करते दिखे। इस दृश्य ने वहां मौजूद श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित किया और माहौल को और भी आत्मीय बना दिया।

आस्था और अध्यात्म का संगम

संगम में स्नान के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे इस पावन स्थल पर आस्था की डुबकी लगाने का अवसर मिला। प्रयागराज दुनिया भर के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, और यहां आकर आत्मिक शांति व आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है।”

उन्होंने कहा कि इसी भक्ति और समर्पण की भावना को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार हरिद्वार में 2027 के महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाने के लिए अभी से तैयारियों में जुट गई है।

महात्माओं का आशीर्वाद, संतों को बताया समाज का मार्गदर्शक

संगम स्नान के बाद मुख्यमंत्री धामी ने महाकुंभ में मौजूद पूज्य संत-महात्माओं का आशीर्वाद लिया और उन्हें समाज का मार्गदर्शक बताया। उन्होंने कहा, *”संत समाज की दिशा तय करते हैं और हमें उनके मार्गदर्शन से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।”

मुख्यमंत्री के इस दौरे को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। श्रद्धालु भी इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि हरिद्वार का आगामी महाकुंभ पहले से भी अधिक भव्य और सुव्यवस्थित होगा।

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