चर्च की ज़मीन पर मिलें प्राचीन मंदिर के अवशेष, पादरियों ने हिंदुओं को अनुष्ठान की अनुमति दी।

देवप्रश्रम एक प्राचीन ज्योतिषी अनुष्ठान है। जिसमें विशेष विधियों से भगवान की इच्छा जानने की कोशिश की जाती है। इस अनुष्ठान में ज्योतिषी की मदद से देवताओं के संकेत प्राप्त किए जाते हैं। यह अनुष्ठान आमतौर पर मंदिरों में या पवित्र स्थलों पर किया जाता है। और इसका उद्देश्य शुभ और अशुभ के संकेत प्राप्त करवाना होता है। यह घटना 4 फरवरी को हुई जब चर्च की जमीन पर कसावा की खेती के लिए खुदाई की जा रही थी।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार तिरुवनंतपुरम (केरल )।

केरल के पलाई में एक ऐतिहासिक और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक रोमन कैथोलिक चर्चा की ज़मीन पर प्राचीन मंदिर के अवशेष पाए गए हैं। यह मामला उसे समय सामने आया जब चर्च की 1.8 एकड़ जमीन पर कसावा की खेती के लिए खुदाई की जा रही थी और इस दौरान शिवलिंग पर अन्य मंदिर के अवशेष मिलें। इस घटना के बाद चर्च कमेटी और पादरियों ने हिंदू समुदाय को धार्मिक अनुष्ठान देवप्रश्रम करने की अनुमति दी है।

देवप्रश्रम एक प्राचीन ज्योतिषीय अनुष्ठान है, जिसमें विशेष विधियों से भगवान की इच्छा जानने की कोशिश की जाती है। इस अनुष्ठान में ज्योतिषी की मदद से देवताओं के संकेत प्राप्त किए जाते हैं। यह अनुष्ठान आम तौर पर मंदिरों में या पवित्र स्थलों पर किया जाता है। इसका उद्देश्य शुभ और अशुभ की संकेत प्राप्त करना होता है।

यह घटना 4 फरवरी को हुई, जब चर्च की ज़मीन पर कसावा की खेती के लिए खुदाई की जा रही थी। खुदाई के दौरान, शिवलिंग और अन्य मंदिर के अवशेष में मिलने से यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। चर्च की ज़मीन वेल्लाप्पाडु केसरी वनदुर्गा भगवती मंदिर के लगभग 1 किलोमीटर दूर स्थित है। यह जमीन पहले एक ब्राह्मण परिवार के पास थी। लेकिन समय के साथ यह कैथोलिक चर्च की स्वामित्व में आ गई। 100 साल पहले यह मंदिर नष्ट हो गया था। जब चर्च की जमीन पर अवशेष मिले। तो चर्च और हिंदू संगठनों के बीच चर्चा हुई।

इसके बाद चर्च ने हिंदू समुदाय को धार्मिक अनुष्ठान करने का अनुमति दी। इस घटनाक्रम ने यह साबित किया है कि धार्मिक सद्भाव और आपसी समझ से विभिन्न समुदायों के बीच सहयोग संभव है। चर्च और हिंदू संगठनों के बीच अच्छे  संवाद की वज़ह से कोई भी विवाद नहीं हुआ, और दोनों समुदाय में एक साथ मिलकर समाज में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने का निर्णय लिया।

किस तरह की घटनाएं समाज में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देती है? क्या हमें धार्मिक समुदायों के बीच समझदारी और सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए?

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